छत्तीसगढ़

जिस गांव में पुलिस पर हुआ था हमला, वहीं ग्रामीणों ने ली शराब न बनाने की शपथ, पुलिस की पहल से बदल रहा सेमरिया गांव.

जांजगीर-चांपा। कभी अवैध महुआ शराब की समस्या से प्रभावित रहा सेमरिया गांव अब परिवर्तन की मिसाल बन रहा है। जिस गांव में तीन साल पहले अवैध शराब पकड़ने गई पुलिस टीम पर हमला हुआ था, वहीं अब ग्रामीणों ने शराब न बनाने और न बेचने की शपथ ली है। यह पहल जांजगीर-चांपा पुलिस अधीक्षक विजय कुमार पाण्डेय के नेतृत्व में की गई है।

पामगढ़ थाना क्षेत्र के इस गांव में शनिवार को पुलिस अधीक्षक पाण्डेय, SDOP अकलतरा प्रदीप कुमार सोरी, जनपद सदस्य रामचरण पाल, श्रवण गोंड़ और सबरिया समाज के गणमान्य लोग पहुंचे। बैठक के दौरान ग्रामीणों को शराब से दूर रहकर मुख्यधारा में शामिल होने और आत्मनिर्भर बनने की प्रेरणा दी गई।

लोगों को ‘बिहान कार्यक्रम’ से जोड़ते हुए गेंदा की खेती, मशरूम उत्पादन, फिनाइल और डिटर्जेंट निर्माण जैसे स्वरोजगार के अवसरों की जानकारी दी गई। इसके अलावा 5 नवंबर को पामगढ़ के सामुदायिक भवन में रोजगार प्रशिक्षण शिविर आयोजित किया जाएगा, जिसमें आसपास के गांवों के लोग भी हिस्सा लेंगे।

तीन साल पहले पुलिस पर हुआ था हमला
वर्ष 2022 में सेमरिया गांव में ममता गोंड़ सबरिया के घर से 12 लीटर अवैध महुआ शराब जब्त की गई थी। कार्रवाई के बाद जब थाना प्रभारी ओ.पी. कुर्रे और उनकी टीम लौट रही थी, तभी लगभग 13-14 लोगों ने लाठी, डंडे और रॉड से हमला कर दिया था। इस हमले में कई पुलिसकर्मी घायल हुए थे और 6 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया था।

 

 

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