रायपुर. सरकारी निर्माण विभागों के कार्यों में तेजी नहीं आने पर अफसरों को जिम्मेदार ठहराया है। विभागीय समीक्षा बैठकों पर सवाल खड़ा करते हुए छत्तीसगढ़ कांट्रेक्टर्स एसोसिएशन ने राज्य सरकार को गुमराह करने वाला करार दिया। साथ ही यह खुलासा किया कि 2023-24 में जो निर्माण कार्य पूरे हो चुके है, उसका करोड़ों रुपए का बिल भुगतान नहीं किया जा रहा है। ऐसा ही हाल 2024-25 के कार्यों का है। समीक्षा बैठक के बहाने निर्माण में तेजी लाने की बातें कही जाती है। परंतु जब बिलों का भुगतान नहीं होगा तो तेजी कैसे आएगी। इसकी जांच होनी चाहिए और दोषी जिम्मेदार अधिकारी पर सख्त कार्रवाई हो।
छत्तीसगढ़ कांट्रेक्टर्स एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष बीरेश शुक्ला ने जारी बयान में कहा कि लोक निर्माण विभाग के प्रमुख अभियंता वीके भतपहरी को उनकी कार्यशैली के कारण मंत्रालय में ओएसडी के रूप में अटैच किया गया था। उन्हें फिर से प्रमुख अभियंता पदस्थ कर दिया गया है। इसके बाद से निर्माण कार्य पूर्ण होने के बाद डिवीजनों से भेजे गए बिलों पर रोक लगाई जा रही है। उसका भुगतान नहीं किया जा रहा है। िस्थति यह है कि पीडब्ल्यूडी में 2023-24 के बिलों का करीब 200 करोड़ों रुपए बकाया है और डिमांड पोर्टल भी बंद कर दिया गया है। चूंकि ए और बी श्रेणी के कांट्रेक्टर करोड़ों रुपए का टेंडर लेते हैं तो उन्हें ज्यादा दिक्कत नहीं होती है। क्योंकि वे किसी तरह मैनेज करके निर्माा कार्य कराते रहते हैं। सबसे अधिक सी और डी श्रेणी के पंजीकृत ठेकेदार परेशान हैं। जिनकी संख्या ज्यादा है और 5 से 10 करोड़ के अंदर के कायोZं का टेंडर लेते हैं। हैरानी ये कि विभाग के उच्च अधिकारियों को गुमराह करने का खेल चल रहा है। उन्हें सच्चाई से अवगत नहीं कराया जाता है। जबकि यह स्पष्ट है कि जब बिलों का भुगतान समय पर नहीं होगा तो निर्माण कार्यों में तेजी कैसे आएगी।
विभागीय सचिव की समीक्षा बैठक पर सवाल
बता दें कि अभी हाल ही में पीडब्ल्यूडी के सचिव कमलप्रीत सिंह ने मंत्रालय में समीक्षा बैठक लेकर निर्माण कार्यों को तेजी से कराने प्रदेश के सभी परिक्षेत्र के मुख्य अभियंता और अधीक्षण अभियंताओं को निर्देशित किया है। इससे पहले पीडब्यलूडी, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकीय विभाग, नगरीय प्रशासन जैसे विभागों के उपमुख्यमंत्री अरुण साव ने भी अधिकारियों की बैठक लेकर निर्माण कार्यों की समीक्षा की गई और तेजी लाने के लिए निर्देश दिए। परंतु बिलों का भुगतान नहीं होने के कारण कांट्रेक्टरों में आक्रोश है। एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष बीरेश शुक्ला का कहना है कि निर्माण कार्य पूर्ण होने पर विभाग के इंजीनियर बिल बनाकर मुख्य अभियंता के माध्यम से भेजते हैं, लेकिन प्रमुख अभियंता द्वारा बिलों को रोक दिया जाता है। इस मामले में जल्द ही उपमुख्यमंत्री साव से मुलाकात कर दोषी अधिकारियों पर सख्त कार्रवाई की मांग करेंगे। ताकि राज्य सरकार की मंशा के विकास कार्योंं में ठेकेदार तेजी लाने का काम करेंगे।




