छत्तीसगढ़

सफलता के लिए निरंतरता चाहिए : कोई भी पथ आसान नहीं होता, आसान बनाना पड़ता है

जिला प्रशासन द्वारा जिले के युवाओं को प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी हेतु “लक्ष्य निःशुल्क कोचिंग संस्थान” के माध्यम से प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इसी क्रम में समय-समय पर “प्रेरणा पथ” कार्यक्रम आयोजित कर अधिकारियों द्वारा विद्यार्थियों को मार्गदर्शन प्रदान किया जाता है।

इसी श्रृंखला में जिले के सहायक आयुक्त, आदिवासी विकास विभाग श्री कृपेंद्र तिवारी ने प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे युवाओं से चर्चा की और सफलता के सूत्र साझा किए। इस अवसर पर लक्ष्य संस्थान के विद्यार्थियों सहित जिले के अनेक अभ्यर्थी उपस्थित रहे। श्री तिवारी ने कहा कि “सफलता किसी को आसानी से नहीं मिलती, उसे निरंतर मेहनत और धैर्य से प्राप्त करना पड़ता है।” उन्होंने बताया कि किसी को सफलता जल्दी मिलती है तो किसी को समय लगता है, लेकिन मेहनत का फल हर किसी को अवश्य मिलता है।

उन्होंने अध्ययन के तीन चरण बताते हुए कहा

पहला चरण- पुस्तक को केवल इमला की तरह पढ़ें, विषय की रूपरेखा और सार समझें।
दूसरा चरण- पेंसिल लेकर पढ़ें, महत्वपूर्ण बातों को अंडरलाइन करें और कठिन बिंदुओं को चिन्हित करें। तीसरा चरण- डाउट क्लियरिंग करें और पुराने प्रश्नपत्रों से तुलना करें।

श्री तिवारी ने कहा कि फैक्ट्स के साथ कॉन्सेप्ट्स को समझना जरूरी है, ताकि ट्रिकी प्रश्नों पर पकड़ बनाई जा सके। उन्होंने छात्रों को सलाह दी कि बुक को अख़बार की तरह पढ़ें और विषयवस्तु को पहले समझें। न्यूज़ पेपर रीडिंग पर चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि दैनिक जीवन में दो अख़बार शामिल करें, ताकि स्टैटिक और करेंट अफेयर्स दोनों का ज्ञान बना रहे। उन्होंने पेज 1-2, खेल, देश-विदेश और संपादकीय पेज पर विशेष ध्यान देने की सलाह दी।

अभ्यर्थियों के प्रश्न एवं श्री तिवारी के उत्तर

प्रश्न- परीक्षा में कन्फ्यूजन होता है, क्या करें?
उत्तर- ऑब्जेक्टिव प्रश्नों का अधिक अभ्यास करें। बार-बार प्रैक्टिस से चीजें स्पष्ट हो जाती हैं।

प्रश्न- कितना घंटा पढ़ें?
उत्तर- पढ़ाई के लिए कोई समय-सीमा नहीं होती। जो वाकई पढ़ने बैठते हैं, वे समय की परवाह नहीं करते। कुछ लोग सुबह 6 बजे से रात तक लाइब्रेरी में रहते हैं, सिर्फ सोने के लिए घर जाते हैं।

प्रश्न- कुछ विषयों में रुचि नहीं आती, पढ़ते हुए नींद आ जाती है?
उत्तर- यह उस विषय में अरुचि होने के कारण होता है। पहले समझें कि क्यों समझ नहीं आ रहा। फिर कोचिंग संस्थान के शिक्षकों से मदद लें या एआई की सहायता लें।

प्रश्न- रिवीजन पैटर्न कैसे मैनेज करें?
उत्तर- संडे टेस्ट के बाद पूरे सप्ताह का रिवीजन करें। रिवीजन में समय लगेगा, यह सोचकर परेशान न हों। जब तीन चरणों में पढ़ चुके होंगे तो रिवीजन आसान होगा। बार-बार रिवीजन करने से बाद में सिर्फ पन्ने पलटने से भी याद हो जाएगा।

प्रश्न- एक विषय पढ़ते समय दूसरे विषय की चिंता होती है कि वह बाकी है, क्या करें?
उत्तर- दृढ़ संकल्पित रहें और समय का विभाजन करें। जो विषय चल रहा है, पहले उसी पर फोकस रखें। वह पूरा होने पर अगले विषय पर जाएं। मेजर पोर्शन पहले कवर करें और पर्यावरण जैसे विषयों को बाद में पढ़ें।

प्रश्न- पेपर में टाइम मैनेजमेंट कैसे करें?
उत्तर- एमसीक्यू की इतनी प्रैक्टिस करें कि सीधे उत्तर पर विचार कर सकें। हालांकि कुछ प्रश्नों पर गहराई से सोचने की आवश्यकता होगी।

प्रश्न- मैथ्स कमजोर है, लैंग्वेज कैसे क्वालिफाई करें?
उत्तर- रीजनिंग और लैंग्वेज पर फोकस करें, मैथ्स कमजोर है यह सिर्फ एक धारणा है। दुनिया में कोई भी चीज़ नामुमकिन नहीं है। आप कर सकते हैं बस पूरी कोशिश करें, सफलता आपकी ही होगी।

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