आबकारी आरक्षक परीक्षा : छत्तीसगढ़ में ‘कपड़े’ और ‘क्लॉक’ बने दुश्मन: सिर्फ 2 मिनट लेट और काली शर्ट ने बिगाड़ा सपना!

Jul 27, 2025 - 14:38
Jul 27, 2025 - 14:43
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आबकारी आरक्षक परीक्षा : छत्तीसगढ़ में ‘कपड़े’ और ‘क्लॉक’ बने दुश्मन: सिर्फ 2 मिनट लेट और काली शर्ट ने बिगाड़ा सपना!
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आबकारी आरक्षक परीक्षा में सुरक्षा के नाम पर सख्ती की हदें पार, हजारों अभ्यर्थी नियमों की भेंट चढ़े

रायपुर@  छत्तीसगढ़ में रविवार को हुई आबकारी आरक्षक भर्ती परीक्षा में ऐसे नज़ारे देखने को मिले, जो कई उम्मीदवारों के लिए ज़िंदगी भर की कसक बन गए। कहीं सिर्फ दो मिनट की देरी ने भविष्य पर ताला लगा दिया, तो कहीं कपड़ों का रंग परीक्षा में शामिल न होने की वजह बना। नियम इतने सख्त थे कि सेंटरों पर पहुंचे हजारों अभ्यर्थी गेट के बाहर खड़े रह गए, कोई रोता रहा, कोई चिल्लाता, तो कोई बेबस निगाहों से गेट को देखता रहा। राज्य के 33 जिलों में 900 परीक्षा केंद्रों पर यह परीक्षा एक साथ आयोजित हुई। परीक्षा की कड़ी निगरानी और नकल रोकने की कवायद में व्यापम ने इस बार सुरक्षा को लेकर इतने कठोर नियम लागू कर दिए कि कई गंभीर तैयारी करने वाले छात्र भी परीक्षा देने से वंचित रह गए।

काली शर्ट पहनने पर बाहर निकाला, लौटे तो बंद हो चुका था गेट

रायपुर के एक परीक्षा केंद्र पर महिला अभ्यर्थी ने बताया कि वह डार्क कलर की शर्ट पहनकर पहुंची थी, जिसे गाइडलाइन के खिलाफ बताया गया। स्टाफ ने अंदर जाने से मना कर दिया। वह दौड़कर बाजार से हल्के रंग की शर्ट लाई लेकिन तब तक 10:30 का समय निकल चुका था। वह मात्र 2 मिनट की देरी से पहुंची, लेकिन गेट बंद होने के कारण उसका सपना अधूरा रह गया।

दुपट्टा, बेल्ट, घड़ी तक हटवाए गए, नियमों की लिस्ट बनी सिरदर्द

सभी उम्मीदवारों को हल्के रंग के आधी बांह वाले कपड़े और चप्पल पहनकर आना अनिवार्य था। लेकिन कई ऐसे अभ्यर्थी थे जो या तो इन नियमों से अनजान थे या उन्हें हल्के में ले बैठे। नतीजतन, कई महिला अभ्यर्थियों को परीक्षा केंद्रों के बाहर ही अपने दुपट्टे और अन्य कपड़े निकालने पड़े। पुरुषों से बेल्ट, जूते, घड़ियां उतरवा ली गईं।

देरी से पहुंचे तो परीक्षा से वंचित, 10:30 बजे गेट बंद

परीक्षा सुबह 11 बजे शुरू होनी थी, लेकिन सभी केंद्रों पर 10:30 बजे गेट बंद कर दिए गए। ऐसे में कई उम्मीदवार जो सिर्फ कुछ मिनट की देरी से पहुंचे, उन्हें भी अंदर जाने नहीं दिया गया। कई छात्र इस बात को लेकर नाराज़ दिखे कि प्रवेश पत्र पर रिपोर्टिंग समय के साथ गेट बंद होने का स्पष्ट उल्लेख नहीं था।

सुरक्षा में कोई समझौता नहीं: व्यापम का पक्ष

व्यापम अधिकारियों का कहना है कि पिछले वर्षों में हाईटेक नकल की घटनाएं सामने आई थीं, खासकर बिलासपुर में, जिसके बाद इस बार परीक्षा को पारदर्शी बनाने के लिए अत्यंत सख्त नियम लागू किए गए। सभी केंद्रों पर मोबाइल जैमर लगाए गए थे। महिला अभ्यर्थियों की तलाशी महिला पुलिस से करवाई गई। परीक्षा के दौरान किसी को अंदर-बाहर जाने की अनुमति नहीं थी।

जरूरी थे ये दस्तावेज, फोटो कॉपी नहीं चली

अभ्यर्थियों को अपने साथ प्रवेश पत्र के अलावा फोटोयुक्त मूल पहचान पत्र (आधार कार्ड, पैन कार्ड, वोटर आईडी आदि) लाना अनिवार्य था। कई केंद्रों पर देखा गया कि कुछ छात्र केवल फोटो कॉपी लेकर आए थे, जिनकी एंट्री रोक दी गई।

2 घंटे 15 मिनट की परीक्षा, लेकिन कईयों के लिए सब खत्म

परीक्षा सुबह 11 बजे शुरू होकर दोपहर 1:15 तक चली। लेकिन परीक्षा से पहले ही हजारों अभ्यर्थियों का ‘एग्जाम’ खत्म हो गया — नियमों की सख्ती, समय की पाबंदी और गाइडलाइन की उलझन ने उनकी मेहनत पर पानी फेर दिया।

क्या भविष्य में फिर दोहराया जाएगा ऐसा सख्त मॉडल?

अब बड़ा सवाल ये है कि क्या सुरक्षा और पारदर्शिता के नाम पर इंसानियत और व्यवहारिकता को दरकिनार किया जाएगा? परीक्षा में सख्ती ज़रूरी है, लेकिन उसका संतुलन भी उतना ही अहम है। एक काली शर्ट या दो मिनट की देरी किसी की मेहनत को खत्म कर दे, तो शायद नियमों की समीक्षा भी ज़रूरी हो जाती है।

Bhaskardoot Digital Desk www.bhaskardoot.com