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टैक्सपेयर्स के लिए बड़ी राहत! बढ़ गई ITR डेडलाइन, अब ये है नई तारीख

टैक्सपेयर्स के लिए एक बड़ी खुशखबरी आ गई है. इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने 29 अक्टूबर को जानकारी दी है कि ऑडिट रिपोर्ट और इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) फाइल करने की आखिरी तारीख बढ़ाकर 10 दिसंबर 2025 की गई है.
जो लोग ऑडिट केसों में परेशानी उठा रहे थे या डेडलाइन को लेकर परेशान थे तो उनके लिए एक राहत भरी खबर है.
अब ये है ITR की तारीख
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने बताया है कि सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्सेज (CBDT) ने 31 अक्टूबर की पुरानी तारीख को बढ़ाकर 10 दिसंबर करने का फैसला लिया है. इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने पोस्ट में शेयर किया कि असेसमेंट ईयर 2025-26 के लिए जिन टैक्सपेयर्स को सेक्शन 139(1) के तहत रिटर्न फाइल करना होता है (जिनका ड्यू डेट पहले 31 अक्टूबर 2025 थी), उनके लिए अब ये तारीख बढ़ाकर 10 दिसंबर 2025 कर दी गई है. इसका फैसला सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्सेज (CBDT) ने लिया है. यानी अब आप बिना कोई पेनल्टी दिए ही दिसंबर तक अपनी रिटर्न फाइल कर सकते हैं.
अगर आपके बिजनेस का टर्नओवर एक साल में 1 करोड़ रुपये से ज्यादा है, या 10 करोड़ तक है और कैश ट्रांजैक्शन 5% से कम है, तो आपको ऑडिट करवाना जरूरी है. प्रोफेशनल्स के लिए ये लिमिट 50 लाख रुपये की सालाना कमाई है. यानी डॉक्टर, वकील, या ऐसे ही दूसरे प्रोफेशनल्स जिनकी ग्रॉस रिसीट्स 50 लाख से ऊपर हैं, उन्हें भी ऑडिट करवाना पड़ता है.
अगर कोई टैक्सपेयर या कंपनी समय पर ऑडिट रिपोर्ट जमा नहीं करती है तो इनकम टैक्स एक्ट की धारा 271B के तहत पेनल्टी लग सकती है. ये पेनल्टी कुल सेल्स का 0.5% तक हो सकती है, लेकिन ज्यादा से ज्यादा डेढ़ लाख रुपये तक. हालांकि, अगर आप साबित कर दें कि देरी की कोई ठोस वजह थी, जैसे टेक्निकल इश्यू या पर्सनल इमरजेंसी, तो पेनल्टी से छूट मिल सकती है.
सीबीडीटी ने क्यों बढ़ाई आईटीआर की डेडलाइन?
टैक्सपेयर्स को राहत देने के लिए सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्सेज यानी सीबीडीटी ने इनकम टैक्स रिटर्न (आईटीआर) फाइल करने की तारीख 31 अक्टूबर 2025 से बढ़ाकर 10 दिसंबर 2025 कर दी. हाईकोर्ट का दबाव और टैक्सपेयर्स की मुश्किलों को देखते हुए ये डेडलाइन बढ़ाई गई है. गुजरात, पंजाब और हरियाणा, और हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने इस मामले में अहम रोल निभाया है. इन कोर्ट ने सीबीडीटी को फटकार लगाई कि टैक्स ऑडिट रिपोर्ट और आईटीआर फाइल करने की तारीखों के बीच में कम से कम एक महीने का गैप होना चाहिए.

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