आखिरकार विश्व के लिए वो नजारा आ ही गया, जिसका इंतजार पूरे विश्व को था. पर्दे की आड़ में एक दूसरे के दुश्मन बने चीन और अमेरिका के राष्ट्रपतियों की वो मुलाकात- जो सिर्फ दो देशों के रिश्ते नहीं बल्कि ग्लोबल पॉलिटिक्स की भी दिशा बदलने वाली है. दो प्रतिद्वंदी देशों के सर्वोच्च नेता 6 साल बाद आमने-सामने थे. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग का दक्षिण कोरिया के गिम्हे एयर बेस पर गर्मजोशी से स्वागत किया, यही तो राजनीति है कि एक-दूसरे के खिलाफ पुरजोर बयानबाजी करने के बाद दोनों मुस्कुराकर मिले.
ट्रंप ने रेड कारपेट पर खड़े होकर शी जिनपिंग से हाथ मिलाया और मुस्कराते हुए कहा- ‘आपसे दोबारा मिलकर अच्छा लगा.’ शी जिनपिंग भी जानते हैं कि इस मुलाकात का उद्देश्य कोई सामान्य कूटनीति नहीं बल्कि एक बड़े मंच पर मोलभाव करना है, ऐसे में उनका व्यवहार काफी संतुलित दिखा. ट्रंप ने उन्हें आगे कहा – ‘हमारी बैठक बहुत सफल होगी, इसमें कोई शक नहीं लेकिन शी बहुत सख्त मोलभाव करने वाले हैं, ये अच्छी बात नहीं है.’
ट्रंप ने चीन के राष्ट्रपति को कहा- सख्त नेगोशिएटर
डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि वह शी जिनपिंग को अच्छी तरह जानते हैं और दोनों के बीच हमेशा से अच्छे रिश्ते रहे हैं. जब उनसे पूछा गया कि क्या वे किसी व्यापारिक समझौते पर हस्ताक्षर करेंगे, तो ट्रंप ने जवाब दिया कि हो सकता है हमारे बीच अच्छी समझ बनेगी. हमारा रिश्ता बहुत अच्छा है और हमेशा रहा है. अमेरिकी राष्ट्रपति पहले भी शी जिनपिंग को मित्र कह चुके हैं लेकिन साथ ही उन्हें सख्त आदमी बताया, जिसके साथ समझौता करना आसान नहीं है.
कभी सख्त तो कभी महान… 6 साल बाद जब मिले डोनाल्ड ट्रंप और शी जिनपिंग, तो क्या हुआ, किसने क्या कहा?
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