गोल्डन आवर में मदद से बच सकती है जान, एसएसपी ने कहा,  डरो नहीं, आगे आओ 

Jul 26, 2025 - 19:08
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गोल्डन आवर में मदद से बच सकती है जान, एसएसपी ने कहा,  डरो नहीं, आगे आओ 
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सड़क हादसों में घायलों की जान बचाने वाले 13 भले लोगों का सम्मान, पुलिस ने युवाओं से की मदद की अपील

रायपुर @  पुलिस ने 13 ऐसे लोगों को सम्मानित किया, जिन्होंने अलग-अलग सड़क हादसों में घायलों की जान बचाई। एसएसपी ने समाज के युवाओं से अपील की है कि वे भी हादसों में तुरंत मदद के लिए आगे आएं ताकि जानें बचाई जा सकें। पुलिस ने कहा कि घायल को समय पर अस्पताल पहुंचाना ही जिंदगी बचाने की कुंजी है। एसएसपी डॉ लाल उमेंद सिंह ने बताया कि सड़क दुर्घटना में घायल व्यक्ति के लिए पहला घंटा बहुत महत्वपूर्ण होता है, जिसे 'गोल्डन आवर' कहा जाता है। इस दौरान घायल को अस्पताल पहुंचाने पर 90% तक उनकी जान बचाई जा सकती है। लेकिन अक्सर लोग कानूनी जटिलताओं से बचने के लिए मदद करने से कतराते हैं, जिससे घायल की जान जा सकती है। इसलिए, पुलिस ने गुड सेमेरिटन योजना के तहत ऐसे नेक काम करने वालों को पुरस्कृत करने और इस पहल का प्रचार-प्रसार करने का निर्णय लिया है। इस सम्मान समारोह में ट्रक से कार चालक की जान बचाने वाले, सड़क पर घायल महिला को अस्पताल पहुंचाने वाले, गंभीर घायल को त्वरित उपचार दिलाने वाले कई लोग शामिल थे।एसएसपी  ने निर्देश दिया है कि शहर के भीड़भाड़ वाले इलाकों में होर्डिंग और फ्लेक्स लगाकर इस नेक पहल को और ज्यादा फैलाया जाए ताकि लोग घायलों की मदद के लिए हिम्मत जुटा सकें।

इस मौके पर एसएसपी  ने सभी सम्मानित लोगों से अपील की कि वे इसी तरह आगे भी घायलों की मदद करते रहें और दूसरों को भी प्रेरित करें। पुलिस अधिकारियों और जवानों ने इस कार्यक्रम में हिस्सा लिया। सड़क दुर्घटना में हर साल लगभग डेढ़ लाख लोग अपनी जान गंवाते हैं, जिनमें से कई जानें समय पर मदद न मिलने की वजह से चली जाती हैं। ऐसे में समाज के हर व्यक्ति का योगदान बेहद जरूरी है ताकि जान बचाई जा सके और हादसों के बाद डर या कानूनी फिक्र के कारण मदद न करने की सोच बदली जा सके। अगर आप सड़क दुर्घटना के दौरान घायल को देखें तो डरें नहीं, तुरंत 112 पर कॉल करें या स्वयं मदद पहुंचाएं। आपके एक कदम से किसी की जान बच सकती है। यह समाज की जिम्मेदारी है कि हम सब मिलकर इस नेक पहल को आगे बढ़ाएं।

सम्मानित 13 गुड सेमेरिटन के नाम व योगदान 

जगमोहन साहू  ने   29 मार्च 2025 को एन.एच. 53 पर ट्रक के टक्कर में घायल कार चालक की मदद की। प्रदीप साहू ने आलोक देव साहू, सुरेश यादव,
दुर्गेश साहू को 24 मई 2025 को खरोरा के पास तीन गंभीर घायलों को अस्पताल पहुंचाया। शक्ति दूबे ने 26 मई 2025 को महिला घायल को अस्पताल भर्ती कराया। गागेन्द्र सिंह राजपूत ने 19 जुलाई 2025 को जोरा ब्रिज पर हुए हादसे में घायलों को अस्पताल पहुंचाया। महेश पोद्दार ने  13 जुलाई 2025 को घायल महिला को एम्स अस्पताल लेकर गए। नितिन सिंह राजपूत ने  स्मारिका राजपूत, तनिष्क राजपूत, तनूजा लालवानी, पूनम जुमनानी को 17 जून 2025 को नवा रायपुर सेक्टर 02 में गंभीर घायलों की जान बचाई।

Bhaskardoot Digital Desk www.bhaskardoot.com