पन्ना जिले की वर्षों पुरानी प्रतीक्षा आखिरकार समाप्त हो गई है। पन्ना के मशहूर हीरे को आधिकारिक रूप से जीआई (Geographical Indication) टैग मिल गया है। यह टैग मध्य प्रदेश के लिए 21वें जीआई उत्पाद के रूप में दर्ज हुआ है। इसके साथ ही पन्ना का हीरा अब वैश्विक स्तर पर अपनी अलग और अधिक प्रमाणिक पहचान स्थापित करेगा।
विशेषज्ञों का कहना है कि जीआई टैग मिलने से पन्ना के हीरे की ब्रांड वैल्यू में उल्लेखनीय वृद्धि होगी। इससे क्षेत्र में खनन से जुड़े रोजगार बढ़ेंगे और हजारों परिवारों को प्रत्यक्ष लाभ मिलेगा। साथ ही हीरे की गुणवत्ता, पारदर्शिता और इसकी मौलिक पहचान को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सशक्त मान्यता मिलेगी।
स्थानीय अधिकारियों और हीरा उद्योग से जुड़े लोगों का मानना है कि इस टैग के बाद पन्ना की पहचान विदेशों में भी मजबूत होगी। निर्यात के नए रास्ते खुलेंगे और प्रदेश के राजस्व में बढ़ोतरी की पूरी संभावना है। पन्ना के लोगों में इसे लेकर उत्साह है क्योंकि लंबे समय से लंबित यह मांग अब पूरी हो चुकी है। यह उपलब्धि पन्ना को एक बार फिर दुनिया के नक्शे पर उसी तरह चमकाने जा रही है, जैसे यहां की धरती से निकलने वाले बेशकीमती हीरे चमकते हैं।




