छत्तीसगढ़ की दो प्रतिभावान दिव्यांग पैरा खिलाड़ी—परलीन कौर और हुलसी मरकाम—‘यूथ पारा एशियन गेम्स 2025’ के लिए चयनित हुई हैं। दोनों ने कठिन परिस्थितियों और सीमित संसाधनों के बावजूद राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कई पदक जीतकर राज्य का नाम रोशन किया है। परलीन दृष्टिबाधित हैं, जबकि हुलसी के एक हाथ न होने के बावजूद उनका प्रदर्शन हमेशा बेहतरीन रहा है।
अब ये दोनों खिलाड़ी सबसे बड़े संकट—स्पॉन्सरशिप राशि—का सामना कर रही हैं। गेम्स में भाग लेने के लिए जरूरी फंड जुटाने की आखिरी तारीख 1 दिसंबर 2025 है, लेकिन अब तक पर्याप्त सहयोग नहीं मिल पाया है। वे कई जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों से आर्थिक सहायता की अपील कर चुकी हैं, लेकिन उम्मीद के मुताबिक मदद नहीं मिली।
अब उनकी अंतिम उम्मीद प्रदेश के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय से है। खिलाड़ियों ने भावुक अपील करते हुए कहा कि यदि सरकार सहयोग करे, तो वे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर छत्तीसगढ़ और भारत का नाम ऊंचा कर सकती हैं।
परलीन और हुलसी केवल खिलाड़ी ही नहीं, बल्कि संघर्ष, हिम्मत और जज्बे की जीवंत मिसाल हैं। इन बेटियों का समर्थन करना न सिर्फ खेल को आगे बढ़ाना है, बल्कि पूरे प्रदेश की प्रतिभा और भविष्य को मजबूत करना है।





