जस्टिस यशवंत वर्मा पर क्या सुप्रीम कोर्ट मेहरबान? नोट कांड से पहले भी CBI-ED ने लिया था नाम

दिल्ली हाईकोर्ट के जज जस्टिस यशवंत वर्मा का नाम इन दिनों खूब सुर्खियों में है. उनके सरकारी बंगले के एक कमरे से कथित रूप से कैश का अंबार मिलने की खबर स

Mar 22, 2025 - 00:47
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जस्टिस यशवंत वर्मा पर क्या सुप्रीम कोर्ट मेहरबान? नोट कांड से पहले भी CBI-ED ने लिया था नाम
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दिल्ली हाईकोर्ट के जज जस्टिस यशवंत वर्मा का नाम इन दिनों खूब सुर्खियों में है. उनके सरकारी बंगले के एक कमरे से कथित रूप से कैश का अंबार मिलने की खबर से लोग हैरान हैं. यह घटना वैसे तो होली के वक्त की बताई जा रही है, जो कल मीडिया रिपोर्ट से सामने आई. इसके बाद खबर आई कि उनका दिल्ली से वापस इलाहाबाद हाईकोर्ट ट्रांसफर कर दिया गया है. हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने इसका खंडन किया है. इस बीच अब पता चला है कि वर्ष 2014 में इलाहाबाद हाईकोर्ट का जज बनने से पहले भी सीबीआई की एफआईआर और प्रवर्तन निदेशालय (EC) की ईसीआईआर में सामने आ चुका है.
यह मामला उस समय का है जब वर्मा एक कंपनी के गैर-कार्यकारी निदेशक थे. CNN-News18 के पास सीबीआई और ईडी की वे रिपोर्ट मौजूद हैं, जिनमें वर्मा को आरोपी के रूप में शामिल किया गया था. हालांकि, पिछले साल सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के उस आदेश को रद्द कर दिया, जिसमें सिंभौली शुगर्स मामले की सीबीआई जांच के निर्देश दिए गए थे. सीबीआई की जांच और जस्टिस वर्मा पर आरोप वर्ष 2018 में दर्ज की गई सीबीआई एफआईआर में वर्मा का नाम शामिल था. सीबीआई ने अपनी एफआईआर में वर्मा को ‘आरोपी नंबर 10’ के रूप में सूचीबद्ध किया था. आरोप था कि कंपनी ने किसानों के लिए कृषि उपकरण और अन्य जरूरतों के नाम पर बड़ा लोन लिया, लेकिन उसे हड़प लिया और अन्य खातों में ट्रांसफर कर दिया. यह सीधे तौर पर पैसों के गबन और धोखाधड़ी का मामला था.
Bhaskardoot Digital Desk www.bhaskardoot.com