रात 9 PM दस्तक, 9.25 बजे खबर...जब बिना बताए राष्ट्रपति भवन जा धमके जगदीप धनखड़uyjhmn

Jul 23, 2025 - 12:32
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रात 9 PM दस्तक, 9.25 बजे खबर...जब बिना बताए राष्ट्रपति भवन जा धमके जगदीप धनखड़uyjhmn
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जगदीप धनखड़ अब उपराष्ट्रपति हो चुके हैं. सोमवार को उन्होंने अचानक इस्तीफा दे दिया. मंगलवार को उनका इस्तीफा स्वीकार हो गया. मानसून सत्र के पहले दिन शाम तक सब कुछ सही था. मगर सूरज ढलते ही सियासी खलबली मच गई. पता चला कि जगदीप धनखड़ ने अचानक राष्ट्रपति को अपना इस्तीफा दे दिया. जब वह राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को अपना इस्तीफा देने राष्ट्रपति भवन पहुंचे थे, तब खलबली मच गई थी. किसी को भी नहीं समझ आया कि आखिर बगैर किसी सूचना के उपराष्ट्रपति कैसे राष्ट्रपति भवन आ धमके.
अपने इस्तीफे से पहले जगदीप धनखड़ सोमवार को बिना पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के, अचानक और जल्दी में राष्ट्रपति से मिलने पहुंचे थे. सूत्रों के मुताबिक, राष्ट्रपति से मिलने का उपराष्ट्रपति का पहले से पूर्व निर्धारित कार्यक्रम नहीं था. जगदीप धनखड़ ने न तो अप्वाइंटमेंट ली थी और न ही इसकी कोई सूचना राष्ट्रपति भवन को दी थी. इसलिए जब वो राष्ट्रपति से अचानक मिलने आए तो राष्ट्रपति भवन में मौजूद सभी स्टाफ में खलबली मच गई.
जगदीप धनखड़ के आने की भनक नहीं
जगदीप धनखड़ करीब रात को 9 बजे राष्ट्रपति भवन पहुंचे थे. जैसे ही वह राष्ट्रपति भवन पहुंचे, वहां मौजूद स्टाफ समझ नहीं पा रहे थे कि आखिर वह क्यों आए हैं, जब तब किसी को इस्तीफे का अंदाजा नहीं था. दरअसल, आमतौर पर जब भी राष्ट्रपति से पीएम और उपराष्ट्रपति मिलते हैं, उसका कार्यकम अचानक नहीं बल्कि पहले से निर्धारित किया जाता है.
कैसे मची हलचल
जब वह बिना पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के राष्ट्रपति से अचानक मिलने आए तब एडीसी सैन्य सचिव के पास धनखड़ की उपस्थिति की खबर देने दौड़े. राष्ट्रपति मुर्मू के साथ आनन-फानन में आयोजित बैठक के बाद जगदीप धनखड़ ने संविधान के अनुसार अपना इस्तीफा सौंप दिया. उन्होंने रात 9.25 बजे जनता को यह खबर दी. धनखड़ का अघोषित दौरा उनके इस्तीफे की अचानक वजह का एक और संकेत था, क्योंकि दिन सामान्य रूप से चल रहा था और देर रात के इस इस्तीफे का कोई संकेत नहीं था.
सोमवार को क्या हुआ?
उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने सोमवार यानी 21 जुलाई 2025 को अपना इस्तीफा दिया. इसमें उन्होंने अपनी सेहत का हावाल दिया. मानसून सत्र के पहले दिन राज्यसभा की कार्यवाही संचालित करने के बाद यह कदम चौंकाने वाला रहा. विपक्ष ने इस्तीफे के पीछे गहरे कारण होने का दावा किया, जिसमें जेपी नड्डा और किरेन रिजिजू की अनुपस्थिति और जस्टिस यशवंत वर्मा के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव शामिल है.