छत्तीसगढ़ सरकार ने खरीफ विपणन वर्ष 2025-26 के लिए धान खरीदी को आसान और पारदर्शी बनाने एक बड़ा कदम उठाया है। तुंहर टोकन मोबाइल ऐप किसानों के लिए किसी वरदान से कम नहीं साबित हो रहा है। इस डिजिटल व्यवस्था से अब किसान बिना लाइन लगे, बिना केंद्र चक्कर लगाए, घर बैठे कुछ ही मिनटों में धान विक्रय का टोकन निकाल पा रहे हैं। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की पहल पर पूरे प्रदेश में इस व्यवस्था को लागू किया गया है।
किसानों को मिल रही बड़ी राहत
अम्बिकापुर जिले में शुक्रवार को 52 किसानों ने अपने मोबाइल से ही टोकन निकालकर खरीदी प्रक्रिया पूरी की। मेड्राकला केंद्र पहुंचे किसान श्याम राजवाड़े और मिलन राम ने बताया कि पहले केंद्र जाकर घंटों इंतजार करना पड़ता था, लेकिन अब मोबाइल से टोकन काटते ही केंद्र पहुँचने पर तुरंत बारदाना और तौल की सुविधा मिल रही है।
श्याम राजवाड़े ने कहा कि 26 क्विंटल धान का टोकन घर बैठे ही निकाल लिया और केंद्र में किसी भी तरह की दिक्कत नहीं आई। वहीं, किसान मिलन राम ने 62 क्विंटल धान का टोकन मोबाइल से काटा और बताया कि इस बार की खरीदी व्यवस्था पूरी तरह “किसान-मित्र” है। उन्होंने 3100 रुपये प्रति क्विंटल समर्थन मूल्य के फैसले की भी सराहना की।
क्या-क्या फायदे मिल रहे किसानों को?
केंद्र में लगने वाली लंबी लाइनों से छुटकारा
समय और श्रम की बचत
टोकन प्रक्रिया में पूर्ण पारदर्शिता
उपार्जन केंद्रों की भीड़ और अव्यवस्था कम हुई
किसान तय समय पर पहुंचकर तुरंत धान बेच पा रहे हैं
तुंहर टोकन ऐप ने धान खरीदी प्रक्रिया को आसान, तेज और भरोसेमंद बनाकर किसानों की बड़ी समस्या का समाधान किया है। यह डिजिटल नवाचार राज्य सरकार की बड़ी सफल योजना के रूप में उभर रहा है।





