रायपुर। छत्तीसगढ़ में पहली बार नागरिकों और संस्थाओं को वन्य प्राणियों को गोद (Adopt) लेने का अवसर मिलने जा रहा है। कर्नाटक और उत्तर प्रदेश की तर्ज पर तैयार की गई “एनीमल अडॉप्ट स्कीम” की शुरुआत राज्य के रायपुर जंगल सफारी और बिलासपुर कानन पेंडारी चिड़ियाघर से की जाएगी। प्रस्ताव राज्य सरकार को भेजा गया है और स्वीकृति मिलते ही योजना को अमल में लाया जाएगा।
गोद लेने वालों को मिलेगी टैक्स छूट और सम्मान
योजना के तहत जो व्यक्ति या संस्था किसी वन्य प्राणी को गोद लेगी, उसका नाम संबंधित बाड़े के बाहर और सार्वजनिक स्थानों पर प्रदर्शित किया जाएगा। साथ ही उन्हें आयकर अधिनियम 1961 की धारा 80G के तहत कर छूट भी प्राप्त होगी।
दानदाताओं द्वारा दी गई राशि प्राणी के भोजन, देखभाल, चिकित्सा और संरक्षण में उपयोग होगी। प्रत्येक गोद लेने वाले को प्राणी की स्वास्थ्य और प्रगति रिपोर्ट भी दी जाएगी।
पारदर्शिता पर रहेगा जोर
इस योजना के लिए विशेष बैंक खाता खोला जाएगा, जिसमें सहयोग राशि जमा होगी। अफसरों को निगरानी और वार्षिक ऑडिट की जिम्मेदारी दी जाएगी, ताकि पारदर्शिता बनी रहे।
संरक्षण को नई दिशा
राज्य में टाइगर, एलीफेंट और अन्य संरक्षण योजनाओं के लिए करोड़ों का अनुदान मिलने के बावजूद वन्य प्राणियों की संख्या में कमी चिंता का विषय बनी हुई है। इस नई पहल से सार्वजनिक भागीदारी बढ़ेगी और लोगों में वन्यजीव संरक्षण के प्रति जागरूकता आएगी।
बड़े स्तर पर प्रचार की तैयारी
वन विभाग इस योजना का सोशल मीडिया, पोस्टर-बैनर और विज्ञापनों के माध्यम से व्यापक प्रचार-प्रसार करेगा, ताकि अधिक से अधिक लोग इसमें भाग ले सकें।
पीसीसीएफ (वाइल्डलाइफ) अरुण कुमार पांडेय ने बताया कि यह योजना भारत सरकार के वन्यजीव संरक्षण अधिनियम 1972 के अनुरूप है और जल्द ही राज्य में लागू की जाएगी।





