अगर आप व्यापारी हैं, फ्रीलांसर हैं या फिर कोई सर्विस प्रोवाइडर, और GST के दायरे में आते हैं तो ये खबर आपके लिए बहुत जरूरी है। जी हां, सरकार ने GST से जुड़े नियमों में एक बड़ा बदलाव कर दिया है और ये बदलाव 1 जुलाई 2025 से लागू होने वाला है। अब आप चाहकर भी 3 साल से पुराने GST रिटर्न नहीं भर पाएंगे। चलिए, आपको आसान भाषा में बताते हैं पूरा मामला क्या है और इसका असर किस-किस पर पड़ेगा।
क्या है नया नियम?
1 जुलाई 2025 से GST रिटर्न भरने से जुड़ा जो नया नियम लागू हो रहा है, उसके तहत अब करदाता तीन साल से पुराने रिटर्न दाखिल नहीं कर सकेंगे। मतलब ये कि अगर आपके ऊपर कोई पुराना बकाया है और आपने पिछले कई सालों से GST रिटर्न नहीं भरा है, तो अब उस पर कार्रवाई की जा सकती है और आप उसे भर भी नहीं पाएंगे।
ये बदलाव किन-किन GST रिटर्न फॉर्म्स पर लागू होगा?
सरकार ने साफ तौर पर बताया है कि ये नियम निम्नलिखित फॉर्म्स पर लागू होगा:
GSTR-1: जिसमें आप अपनी बिक्री का विवरण देते हैं
GSTR-3B: टैक्स का मासिक भुगतान
GSTR-4: कंपोजिशन डीलर के लिए
GSTR-5 और 5A: नॉन-रेजिडेंट टैक्सपेयर्स के लिए
GSTR-6: इनपुट सर्विस डिस्ट्रीब्यूटर के लिए
GSTR-7: टैक्स कटौती की डिटेल्स (TDS)
GSTR-8: ई-कॉमर्स ऑपरेटर द्वारा टैक्स संग्रह
GSTR-9: सालाना GST रिटर्न
सरकार का मकसद क्या है?
सरकार का कहना है कि इस नियम का मकसद सिस्टम को अनुशासित बनाना है ताकि टैक्सपेयर्स समय पर रिटर्न भरें। कई बार देखा गया है कि लोग सालों-साल रिटर्न नहीं भरते, जिससे सरकार को इनवैलिड Input Tax Credit (ITC) क्लेम्स का सामना करना पड़ता है और टैक्स चोरी को भी बढ़ावा मिलता है।
अब क्या करना चाहिए?
अगर आपके ऊपर कोई पुराना GST रिटर्न पेंडिंग है, खासकर 2022 या उससे पहले का, तो 1 जुलाई 2025 से पहले हर हाल में उसे भर दें। नहीं तो आपको कानूनी कार्रवाई का सामना करना पड़ सकता है और आप इनवैलिड ITC क्लेम से भी वंचित रह जाएंगे।