छत्तीसगढ़ के गरियाबंद (Gariaband) जिला पंचायत सभाकक्ष में सोमवार को आयोजित बैठक किसी सामान्य मीटिंग जैसी नहीं थी. जब कलेक्टर बी.एस. उइके प्रधानमंत्री आवास योजना (PM Awas Yojana) की समीक्षा करने बैठे, तो हवा में सन्नाटा था और सभी के चेहरे पर शिकन थी. लेकिन, जैसे ही योजना में लापरवाही का लेखा-जोखा सामने आया, कलेक्टर उइके के तेवर सख्त हो गए. बैठक के दौरान ही उन्होंने 11 ग्राम पंचायत सचिवों को मौके पर ही कारण बताओ नोटिस थमा दिए. वजह साफ थी, पीएम आवास के नाम पर ढिलाई, उदासीनता और कामचोरी…
काम में तेजी के दिए निर्देश
कलेक्टर उइके ने दो टूक कहा कि पीएम आवास योजना कोई औपचारिकता नहीं, यह गरीबों की जिंदगी बदलने वाली योजना है. इसमें लेटलतीफी बर्दाश्त नहीं की जाएगी. उन्होंने कहा कि जिन आवास कार्यों का काम शुरू नहीं किया गया है, उन्हें जल्द शुरू करने और प्रगतिरत कार्यों को रफ्तार देने के निर्देश भी दिए. कलेक्टर ने चेतावनी भरे लहजे में कहा कि अगर जिओ टैगिंग, इंस्टॉलमेंट या सर्वे के नाम पर अवैध लेन-देन की कोई शिकायत मिली, तो संबंधितों पर सीधी कार्रवाई की जाएगी.
पीएम जनमन योजना की भी समीक्षा
बैठक में पीएम जनमन योजना की भी समीक्षा हुई. अपर कलेक्टर नवीन भगत ने बताया कि कमार समुदाय को लाभ पहुंचाने के लिए 911 आवास स्वीकृत किए गए हैं, जिनमें से 295 का काम पूरा हो चुका हैं. इसको लेकर कलेक्टर उइके ने अधिकारियों की प्रशंसा भी की.