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मंदिर से लेकर सियासी दलों के विदेशी चंदे पर सरकार की नजर, देनी होगी और ज्यादा जानकारी, नया ITR-7 फॉर्म जारी

सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्स (CBDT) ने एसेसमेंट ईयर 2025-26 के लिए आयकर रिटर्न फॉर्म 7 (ITR-7) नोटिफाई कर दिया है. यह अपडेटेड ITR फॉर्म फाइनेंस एक्ट, 2024 में पेश किए गए आयकर-संबंधी संशोधनों के मद्देनजर बदलावों के साथ पेश किया गया है. खास बात है कि राजनीतिक दलों, धर्मार्थ ट्रस्टों, यूनिवर्सिटी और रिसर्च इंस्टीट्यूशन को अब विदेशी से मिलने वाली मदद, स्वैच्छिक दान, अर्जित आय और फंड्स के उपयोग से होने वाली इनकम के बारे में ज्यादा जानकारी देनी होगी. इसके साथ ही इनकम टैक्स विभाग ने एसेसटमेंट ईयर 2025-26 के लिए सभी सात आयकर रिटर्न फॉर्म नोटिफाई कर दिए हैं. स्मॉल और मिडल टैक्सपेयर्स के लिए आईटीआर फॉर्म 1 और 4 को 29 अप्रैल को अधिसूचित किया गया था.

आइये आपको बताते हैं कि आईटीआर फॉर्म 7 आखिर किन टैक्सपेयर्स के लिए अहम बदलावों के साथ पेश किया गया है.

आईटीआर-7 फॉर्म, मुख्य रूप से धर्मार्थ या धार्मिक ट्रस्ट, राजनीतिक दल, वैज्ञानिक अनुसंधान संस्थान, यूनिवर्सिटी, कॉलेज और अन्य संस्थानों के लिए है, जिन्हें आयकर अधिनियम की धारा 139(4ए), 139(4बी), 139(4सी) या 139(4डी) के तहत रिटर्न प्रस्तुत करना आवश्यक है.

-सेक्शन 11 के तहत टैक्स का दावा करने वाले धर्मार्थ और धार्मिक ट्रस्ट के लिए

-धारा 139(4B) के तहत राजनीतिक दलों के लिए

-वैज्ञानिक अनुसंधान संस्थान, समाचार एजेंसियां, विश्वविद्यालय, कॉलेज और अन्य संस्थान

-धारा 10(23C), 10(21), आदि के तहत छूट का दावा करने वाली संस्थाओं के लिए

AY 2025-26 के लिए ITR-7 में मुख्य बदलाव

कैपिटल गेन्स में आपको 23 जुलाई 2024 से पहले और बाद में हुए ट्रांजेक्शन को अलग-अलग दिखाना होगा. दरअसल, इस तारीख के बाद कैपिटल गेन्स के टैक्स और इंडेक्सेशन के नियम चेंज हो गए हैं.

नए बदलावों के तहत अब टैक्सपेयर्स को बायबैक पर डबल टैक्स की मार नहीं झेलनी पड़ेगी. चूंकि, 1 अक्टूबर 2024 से शेयर बायबैक पर नया नियम लागू हो चुका है, इसलिए अगर कोई शेयरधारक डिविडेंड इनकम को ‘अन्य स्रोतों से आय’ के तौर पर दिखाता है, तो अब वो बायबैक पर हुए कैपिटल लॉस को दावा कर सकता है.