Home छत्तीसगढ़ समाज की सबसे बड़ी विडंबना यही है कि हर अधार्मिक व्यक्ति धर्म...

समाज की सबसे बड़ी विडंबना यही है कि हर अधार्मिक व्यक्ति धर्म -धर्म चिल्लाता है- रत्नेश प्रपन्नाचार्य

पशु पक्षियों को भी आहार का ज्ञान है, घोड़ा मांस नहीं खाता शेर घास नहीं खाता

श्री दूधाधारी मठ महोत्सव में अयोध्या धाम से पधारे हुए अनंत श्री विभूषित श्री स्वामी रत्नेश प्रपन्नाचार्य जी महाराज ने श्रोताओं को श्रीमद् बाल्मीकि रामायण की कथा का रसपान कराते हुए कहा कि- सूर्योदय एवं सूर्यास्त के समय सोने वाले, दांत साफ नहीं करने वाले, मित्र द्रोह में लगे हुए लोग तथा मैला- कुचैला कपड़ा पहनने से लक्ष्मी जी उनका साथ छोड़ देती है, ऐसे लोगों को जीवन में कष्ट का सामना करना ही पड़ता है। जिस जगह पर कोई संत आ जाए वहां कोई अनर्थ नहीं हो सकता। अपनी विद्या से जो सामने वाले का दु:ख दूर करते हैं उसे वैद्य कहते हैं। समाज में सोचनीय वह होता है जो धर्म का पालन नहीं करता। पिता की अनुचित आज्ञा का पालन करना भी पुत्र का धर्म है। *जो प्रेमी होता है उसका हृदय बड़ा कोमल होता है वह अपनी बात वाणी से कम आंखों की पानी से ज्यादा कहता है।* उन्होंने कहा कि धर्म के लिए कोई शॉर्टकट रास्ता नहीं है, धर्म रेडीमेड भी नहीं होती। धर्म के लिए अपने आप को ही तपस्या करना चाहिए। *साधु बनने में 5 मिनट लगता है लेकिन साधू होने में पूरा जीवन चला जाता है।* उन्होंने कहा कि *समाज की यही सबसे बड़ी समस्या यही है कि हर अधार्मिक व्यक्ति धर्म- धर्म चिल्लाता है। बाली ने भी रघुनाथ जी से यही कहा था कि -धर्म हेतु अवतरेहु गोसाईं।* व्यक्तित्व के निर्माण में तीन चीज महत्वपूर्ण है भोजन, वस्त्र और संगति जब अच्छा आहार होगा तो अच्छा व्यवहार भी होगा। अपने घर में रसोई बनाना चाहिए किचन नहीं! *पशु पक्षी को भी आहार का ज्ञान होता है! घोड़ा मांस नहीं खाता और शेर घास नहीं खाता लेकिन मनुष्य ही सर्वभक्षी होते जा रहा है।* संगीतमय श्री राम कथा एवं भव्य संत सम्मेलन में *छत्तीसगढ़ विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष डॉ चरण दास महंत जी* अपने सहयोगियों सहित उपस्थित हुए उन्होंने व्यास पीठ पर पूजा अर्चना करके संपूर्ण विश्व के कल्याण की कामना की। उनके साथ भानुप्रतापपुर के विधायक श्रीमती सावित्री मनोज मंडावी, लैलूंगा विधायक श्रीमती विद्यामती सिदार ,कसडोल विधायक संदीप साहू, धरमजयगढ़ के विधायक लालजीत सिंह राठिया, पूर्व विधायक गुरमुख सिंह होरा तथा पूर्व मंत्री प्रेमसाय सिंह टेकाम इस अवसर पर विशेष रूप से उपस्थित थे। महामंडलेश्वर राजेश्री महन्त रामसुन्दर दास जी महाराज ने कहा कि -अब इस कार्यक्रम का कुछ ही सत्र शेष रह गया है आप सभी से आग्रह है कि अधिक से अधिक संख्या में उपस्थित होकर पुण्य लाभ कमाएं।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here