युवाओं ने समावेशी विकास एवं सहभागिता से गढ़ी नई इबारत - समावेशी विकास एवं युवाओं की भागीदारी पर कार्यशाला आयोजित

भास्कर दूत रायपुर 26 जुलाई 2025। राज्य गठन के बाद प्रदेश में सभी क्षेत्रों में समावेशी विकास की गति बढ़ी। इसका परिणाम है कि बस्तर के युवाओं में शिक्षा और समावेशी विकास में भागीदारी से मुख्य धारा में शांति का एक नया अध्याय लिखा जा रहा है। उक्त बातें रायपुर संभागायुक्त एवं कुलपति महादेव कावरे ने कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय, रायपुर में समावेशी विकास एवं युवाओं की भागीदारी विषय में एक दिवसीय शैक्षणिक कार्यशाला को संबोधित करते हुए कही।
सहभागी विकास एवं सुशासन को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध गैर सरकारी संगठन समर्थन, रायपुर का शैक्षणिक कार्यशाला में तकनीकी सहयोग से आयोजित कार्यशाला में कुलपति महादेव कावरे ने उद्घाटन सत्र में प्रतिभागियों से कहा कि बस्तर हो या जशपुर-सरगुजा के दूरस्थ कई गांव जहां इंटरनेट की रफ्तार थोड़ी धीमी थी, वहां रेडियो एवं समुदायिक रेडियो ने विकास के संचार को गति और दिशा दी। छत्तीसगढ़ के विकास पथ में युवाओं को मुख्यधारा में लाने पर संचार क्रांति ने निर्णायक भूमिका निभाई है। दूरस्थ क्षेत्रों में समाचार पत्रों के व्यापक प्रसार से युवाओं में उच्च एवं तकनीकी शिक्षा के प्रति जागरुकता बढ़ी। आज सोशल मीडिया के माध्यम से शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार और विकास के संदेश जन-जन तक पहुंच रहे हैं।
मन की बात के माध्यम से जन-मन का स्वाभाविक जुड़ाव हुआ है।
इस दौरान शिक्षा, आजीविका, शासन और समावेश पर केंद्रित कार्यशाला में समापन वक्तव्य डॉ. राजेश टंडन संस्थापक अध्यक्ष प्रिया एवं चेयरमैन, युनेस्को कम्युनिटी रिसर्च ने दिया। कार्यशाला में समर्थन की अध्यक्षा बनश्री बेनर्जी, कार्यकारी निदेशक डॉ. योगेश कुमार कार्यक्रम निदेशक देविदास किसन निमजे,
समन्वयक मनीष झा ने संबोधित किया।
वक्ताओं ने प्रतिभागियों को जानकारी दी कि आजीविका के मोर्चे पर, डीडीयू-जीकेवाई और आत्मनिर्भर भारत रोजगार योजना जैसे कार्यक्रम सकारात्मक परिणाम दिखाते पीएम स्वनिधि योजना ने अनौपचारिक उद्यमिता को प्रोत्साहित करते हुए 1.4 लाख से अधिक ऋण स्वीकृत किए। कार्यशाला विभिन्न हितधारकों विचार-विमर्श और सहयोगात्मक सोच के माध्यम से - डिजिटल, लैंगिक और जनजातीय विभाजन को पाटने के लिए नवीन मॉडलों की पहचान, स्थानीय शासन, योजना और विकास में युवाओं की आवाज़ को एकीकृत माडल, छत्तीसगढ़ के लिए एक दूरदर्शी युवा मुख्यधारा रणनीति और युवाओं को लाभार्थी के रूप में लक्षित करने के बजाय उन्हें राज्य के विकसित होते परिदृश्य में परिवर्तनकर्ता और विकास रोल मॉडल के रूप में स्थापित करनें के विविध पहलूओं पर चर्चा हुई। इस दौरान अमिताभ कुंडू, सुनील कुमार शर्मा, मनोज कुमार, भूपेश तिवारी, डॉ. सत्यजीत साहू, डॉ. सुनील शर्मा, आनंद शुक्ला ने संबंधोधित किया। नयन पांडेय, शैलेन्द्र खंडेलवाल, डॉ. नृपेन्द्र शर्मा, डॉ. राजेन्द्र मोहंती सहित अतिथि शिक्षक एवं सामाजिक कार्यकर्ता उपस्थित रहे।