पहले पाकिस्तान में ट्रेन हाईजैक, अब यात्रियों को मारने के बदले BLA कर रहा रिहा, क्या है बलूचों का असल मकसद.....

पाकिस्तान के बलूचिस्तान में जाफर एक्सप्रेस ट्रेन हाईजैक है. बीएलए यानी बलोच लिब्रेशन आर्मी ने 15 घंटे से ट्रेन को अगवा कर रखा है. पाकिस्तानी सेना अब त

Mar 11, 2025 - 22:36
Mar 11, 2025 - 22:36
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पहले पाकिस्तान में ट्रेन हाईजैक, अब यात्रियों को मारने के बदले BLA कर रहा रिहा, क्या है बलूचों का असल मकसद.....
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पाकिस्तान के बलूचिस्तान में जाफर एक्सप्रेस ट्रेन हाईजैक है. बीएलए यानी बलोच लिब्रेशन आर्मी ने 15 घंटे से ट्रेन को अगवा कर रखा है. पाकिस्तानी सेना अब तक बलूच विद्रोहियों के कब्जे से ट्रेन को छुड़ाने में नाकामयाब रही है. हालांकि, कामयाबी का ढोल पीटने में सेना और सरकार खूब आगे है. पाक सेना ने दावा किया कि उसने 100 से अधिक यात्रियों को विद्रोहियों के कब्जे से छुड़ा लिया है. हालांकि, उसका यह दावा कुछ देर बाद ही फुस्स हो गया. यात्रियों ने बाहर आकर सेना के दावों की पोल खोलकर रख दी. हाईजैक वाले ट्रेन से सुरक्षित निकले यात्रियों ने दावा किया कि उन्हें खुद बंदूकधारी विद्रोहियों ने छोड़ा है. अब सवाल है कि आखिर ट्रेन हाईजैक करने के बाद बीएलए के लड़ाके यात्रियों को मारने के बदले उन्हें रिहा क्यों कर रहे हैं? आखिर उनका मकसद क्या है? वह चाहते तो कत्लेआम मचा सकते थे. मगर उन्होंने ऐसा क्यों नहीं किया? सबसे पहले जानते हैं कि आखिर ट्रेन हाईजैक कैसे हुआ. दरअसल, यह घटना मंगलवार दोपहर की है. जाफर एक्सप्रेस ट्रेन क्योटा से पेशावर जा रही थी. उसमें करीब 400 यात्री सवार थे. ट्रेन जब गुडालार और पीरू कुनरी के पहाड़ी इलाके में एक सुरंग तक पहुंची तो एक भयानक विस्फोट हुआ. यह विस्फोट बलोच विद्रोहियों ने किया था. मकसद था ट्रेन को रोकना और अपने कब्जे में करना. आतंकियों के कब्जे के बाद इलाके में भारी गोलीबारी और धमाकों की आवाजें गूंज उठीं. पाकिस्तान सरकार के हाथ-पांव फूल गए. पाकिस्तान समेत पूरी दुनिया में हड़कंप मच गया. इस ट्रेन हाईजैक की जिम्मेदारी बीएलए यानी बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी ने ली. क्या है पाकिस्तान ट्रेन हाईजैक कांड इस घटना के 15 घंटे बीत गए. पाक सेना और बलोच विद्रोहियों के बीच लगातार गोलीबारी जारी है. पाक सुरक्षा बलों का दावा है कि उसने अब तक बलोच विद्रोहियों के 16 लड़ाकों को मार गिराया है. वहीं बलूच विद्रोह‍ियों का दावा है कि उसने 30 से ज्‍यादा पाक सैनिकों को मार गिराया है. पाक सेना ने दावा किया कि उसने अगवा किए गए जाफर एक्सप्रेस ट्रेन से 104 यात्रियों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया. हालांकि, छुड़ाए गए यात्रियों ने ही इसकी पोल खोल दी. इतना ही नहीं, पाक मीडिया ने भी दावा किया कि खुद बीएलए ने ही 100 यात्रियों को रिलीज किया है. बीएलए खुद यात्रियों को कर रहा रिहा खुद ट्रेन से रिहा किए गए यात्रियों ने कहा कि उन्हें बलूच लिब्रेशन आर्मी ने रिहा किया है. जाफर एक्सप्रेस के एक बुजुर्ग बलूच यात्री (जिन्हें बलूच लिबरेशन आर्मी ने रिहा किया था) ने बताया कि सभी बलूच यात्रियों को हथियारबंद लोगों ने रिहा कर दिया है. बुजुर्ग के मुताबिक, बलूच विद्रोहियों ने कहा कि उन्हें यात्रियों से कोई शिकायत नहीं है. अब भी कई लोग उनके कब्जे में हैं. दावा किया गया कि बीएलए ने करीब 100 लोगों को छोड़ा है. इनमें ज्यादातर महिलाएं, बुजुर्ग और बच्चे शामिल हैं. अब सवाल है कि आखिर बीएलए चाहता तो यात्रियों को मार सकता था, वह कत्लेआम मचाकर पाकिस्तान में अपनी ताकत का एहसास करा सकता था, मगर वह ऐसा क्यों नहीं कर रहा. आखिर उसका मकसद क्या है? बलूचों का असल मकसद दरअसल, बीएलए यानी बलोच लिब्रेशन आर्मी का मकसद है पाकिस्तानी हुकूमत को संदेश देना और वह भी अपनी आजादी का. बलोच यह संदेश देना चाहते हैं कि हम हिंसक नहीं हैं और न ही मारकाट चाहते हैं. हम केवल अपनी आजादी चाहते हैं. हमारे बलूचिस्तान का दोहन बंद हो. हमें अपने हिस्सा मिले. बहरहाल, बीएलए ने पाकिस्तान सरकार को 48 घंटे का अल्टीमेटम दिया है. अगर त्वरित मक्सद देखें तो बीएलए बंधकों की रिहाई के बदले में बलूच राजनीतिक बंदियों और जबरन गायब किए गए लोगों की तत्काल और बिना शर्त रिहाई की मांग कर रहे हैं. हालांकि, बीएलए का व्यापक मकसद बलूचिस्तानी की आजादी ही है. यही वजह है कि बीएलए आम लोगों को नुकसान नहीं पहुंचाना चाहते हैं. उनका कहना है कि उनकी लड़ाई सरकार और सेना से है.
Bhaskardoot Digital Desk www.bhaskardoot.com