तेलंगाना: सुरंग में 11KM तक भरा पानी, मजदूरों के बाहर निकलने का चांस कम, अब क्या होगा?

तेलंगाना में सुरंग का ए‍क हिस्सा ढहने से भीतर फंसे मजदूरों के बचने की संभावना कम है. हादसे में श्रीशैलम सुरंग नहर परियोजना के अंदर करीब 14 किलोमीटर दू

Feb 24, 2025 - 23:07
Feb 24, 2025 - 23:08
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तेलंगाना: सुरंग में 11KM तक भरा पानी, मजदूरों के बाहर निकलने का चांस कम, अब क्या होगा?
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तेलंगाना में सुरंग का ए‍क हिस्सा ढहने से भीतर फंसे मजदूरों के बचने की संभावना कम है. हादसे में श्रीशैलम सुरंग नहर परियोजना के अंदर करीब 14 किलोमीटर दूर आठ मजदूर फंसे हैं. रेस्क्यू ऑपरेशन तेजी से चल रहा है, लेकिन पानी और मलबे की वजह से बचाव कार्य चुनौतीपूर्ण हो गया है. सुरंग में ऑक्सीजन और बिजली की सप्लाई बहाल कर दी गई है. पानी निकालने और मलबा हटाने का काम तेज किया जा रहा है. बचाव दल ने 13.5 किलोमीटर दूर से मजदूरों को आवाज दी, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला. अभी भी 200 मीटर का हिस्सा बचा है, जहां मजदूर हो सकते हैं. टीमों को उनके पास पहुंचने के बाद ही असल स्थिति का पता चलेगा. रेस्क्यू ऑपरेशन अभी भी जारी है. मजदूरों के परिवार और पूरे देश की निगाहें इस बचाव अभियान पर टिकी हुई हैं. पानी बना सबसे बड़ी रुकावट रेस्क्यू में शामिल सिंगरेनी कोलियरीज के जनरल मैनेजर श्रीनिवास रेड्डी ने बताया, “सुरंग में 11 किलोमीटर तक पानी भर गया है. मजदूरों के बाहर आने की संभावना बहुत कम है, लेकिन हम पूरी कोशिश कर रहे हैं.” रविवार को जिला कलेक्टर बी. संतोष ने जानकारी दी कि रेस्क्यू टीम सुरंग के उस हिस्से तक पहुंच गई है, जहां घटना के समय टीबीएम (टनेल बोरिंग मशीन) काम कर रही थी. हालांकि, गाद (sludge) के कारण आगे बढ़ना मुश्किल हो रहा है. रेस्क्यू ऑपरेशन में लगीं कई टीमें
  • NDRF की 4 टीमें (एक हैदराबाद से, तीन विजयवाड़ा से) – कुल 138 सदस्य
  • भारतीय सेना के 24 जवान
  • SDRF और SCCL के 23 विशेषज्ञ कर्मी
  • भारी उपकरणों के साथ राहत कार्य जारी
अब तक कोई संपर्क नहीं एनडीआरएफ अधिकारी ने बताया कि शनिवार रात को एक टीम सुरंग में गई थी. वहां बहुत सारा मलबा और पानी भरा हुआ था. टीबीएम क्षतिग्रस्त हो चुकी है और उसके टुकड़े बिखरे पड़े हैं. उन्होंने कहा, “13.5 किलोमीटर तक हमारी टीम पहुंच चुकी है, लेकिन वहां दो किलोमीटर पानी भरा है. भारी मशीनें अंतिम बिंदु तक नहीं पहुंच पा रही हैं. पानी निकालने की प्रक्रिया तेज कर दी गई है.”
Bhaskardoot Digital Desk www.bhaskardoot.com