रिपब्लिक डे चीफ गेस्ट कौन? न्योता भी चला गया पर नाम का ऐलान क्यों नहीं, फंस गया पेच, जानिए पाकिस्तान कनेक्शन

26 जनवरी को होने वाले गणतंत्र दिवस की तैयारियों में भारत जुटा है. अतिथियों की लिस्ट तैयार है. कुछ को तो न्योता तक भेज दिया गया है. गणतंत्र दिवस समारोह

Jan 10, 2025 - 00:47
Jan 10, 2025 - 00:47
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रिपब्लिक डे चीफ गेस्ट कौन? न्योता भी चला गया पर नाम का ऐलान क्यों नहीं, फंस गया पेच, जानिए पाकिस्तान कनेक्शन
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26 जनवरी को होने वाले गणतंत्र दिवस की तैयारियों में भारत जुटा है. अतिथियों की लिस्ट तैयार है. कुछ को तो न्योता तक भेज दिया गया है. गणतंत्र दिवस समारोह के लिए चीफ गेस्ट का नाम भी फाइनल हो गया है. न्योता भेज दिया गया है. दुनिया की सबसे अधिक मुस्लिम आबादी वाले देश के चीफ ही गणतंत्र दिवस पर मुख्य अतिथि होंगे. भारत सरकार ने इंडोनेशिया के राष्ट्रपति प्रबोवो सुबियंतो को रिपब्लिक डे पर चीफ गेस्ट के तौर पर इनवाइट किया है. मगर अब तक सरकार की ओर से आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है. माना जा रहा है कि इंडोनेशियाई राष्ट्रपति को भारत बुलाने पर एक पेच फंस चुका है. इस पेच को दूर करने में भारत सरकार जुटी है. इसको दूर करने के बाद ही उनके आधिकारिक भारत दौरे की घोषणा हो सकती है.
अब सवाल है कि आखिर इंडोनेशियाई राष्ट्रपति प्रोबोवो सुबियंतो को रिपब्लिक डे के अवसर पर बुलाने में पेच कहां है? तो इसकी वजह पाकिस्तान है. जी हां, इंडोनेशिया के राष्ट्रपति भारत से सीधे पाकिस्तान जाना चाहते हैं. भारत सरकार यही नहीं चाहती है कि वह भारत यात्रा को पाकिस्तान दौरे के साथ कनेक्ट करें. माना जा रहा है कि भारत सरकार उन्हें मनाने की कोशश कर रही है कि वह भारत दौरे के बाद सीधे पाकिस्तान न जाएं. टाइम्स ऑफ इंडिया ने आधिकारिक सूत्र के हवाले से लिखा है कि सुबियंतो 26 जनवरी की परेड में मुख्य अतिथि होंगे. मगर अब तक यात्रा के बारे में कोई आधिकारिक घोषणा नहीं की गई है. आम तौर पर इस तरह की घोषणा महीनों पहले ही कर दी जाती है. क्यों हो रही घोषणा में देरी घोषणा में देरी की वजह यह है कि पाक मीडिया में यह खबर है कि इंडोनेशियाई राष्ट्रपति 26 जनवरी को तीन दिवसीय यात्रा पर इस्लामाबाद पहुंच सकते हैं. पाकिस्तान से जब से रिश्ते पूरी तरह तल्ख हुए हैं, तब से भारत अपना कोई भी कनेक्शन उससे नहीं चाहता. भारत सरकार हाल के दिनों में विदेशी नेताओं को भारत यात्रा के दौरान अपने कार्यक्रम में पाकिस्तान को शामिल न करने और दोनों देशों के साथ अपने संबंधों को अलग रखने के लिए प्रोत्साहित करती रही है.
Bhaskardoot Digital Desk www.bhaskardoot.com