आपदा ने घर छीना, आतंकवाद ने बेटा...90 साल की उम्र में बूढ़ी मां को मिला सबसे बड़ा दर्द

मंडी. हिमाचल प्रदेश में साल 2023 में मॉनसून सीजन (Monsoon Season) में भारी बारिश के चलते 12000 करीब मकानों को नुकसान पहुंचा था. इन्हीं घरों में एक था

Nov 11, 2024 - 23:52
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आपदा ने घर छीना, आतंकवाद ने बेटा...90 साल की उम्र में बूढ़ी मां को मिला सबसे बड़ा दर्द
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मंडी. हिमाचल प्रदेश में साल 2023 में मॉनसून सीजन (Monsoon Season) में भारी बारिश के चलते 12000 करीब मकानों को नुकसान पहुंचा था. इन्हीं घरों में एक था शहीद नायब सूबेदार राकेश कुमार (Nayab Subedar Rakesh Kumar) का घर. आपदा की वजह से शहीद का घर भी टूट गया था. हालांकि, अब वह अगले साल छुट्टी पर आने वाले थे और फिर नए घर का निर्माण कार्य शुरू करना था, लेकिन इससे पहले ही राकेश कुमार जम्मू एवं कश्मीर के किश्तवाड़ में आतंकी मुठभेड़ (Kishtwar Terrorist Encounter) में शहीद गए. ऐसे में आपदा ने जहां पहले शहीद से घर छीन लिया था, वहीं अब आतंकियों ने बूढ़ी मां से उसका लाल छीन लिया. 90 साल की उम्र में बूढ़ी मां भत्ती देवी को सबसे बड़ा दर्द मिला है. दरअसल, जम्मू-कश्मीर के कितश्वाड़ में आतंकी मुठभेड़ में शहीद हुए मंडी जिले के बल्ह उपमंडल के तहत आने वाली ग्राम पंचायत छम्यार के बरनोग गांव के 42 वर्षीय राकेश कुमार का मंगलवार को अंतिम संस्कार होगा. फिलहाल, उनके घर पर मातम परसा हुआ. 90 साल की बूढ़ी मां ने अपना लाल खो दिया. जानकारी के अनुसार, शहीद राकेश कुमार और उसके भाई का 10 कमरों का मकान वर्ष 2023 की भारी बारिश के बीद टूट गया था. मौजूदा समय में शहीद राकेश कुमार किराये का घर में रह रहे थे. वहीं, उनका भाई पुराने मकान में रहता है. शहीद राकेश कुमार के भाई कर्म सिंह ठाकुर ने बताया कि उनके भाई अभी डेढ़ माह पहले ही छुट्टियां काटकर डयूटी पर लौटे थे और दिसंबर में फिर घर आकर जनवरी में नए घर का निर्माण शुरू करने का वादा किया था. हालांकि, अब शहीद राकेश कुमार का नए घर को बनाने का सपना भी उनके साथ ही चला गया. शहीद राकेश कुमार अपने पीछे 90 वर्षीय बुजुर्ग मां भत्ती देवी, 33 वर्षीय पत्नी भानुप्रिया, 12 वर्षीय बेटी यशस्वी ठाकुर और 7 वर्षीय बेटे प्रणव ठाकुर को छोड़ गए हैं. पति की शहादत की खबर के बाद से पत्नी बेसुध है और बच्चों को कुछ समझ नहीं आ रहा है. ग्राम पंचायत छम्यार के उप-प्रधान रेलू राम ने सरकार और प्रशासन से मांग उठाई है कि शहीद के परिजनों को जल्द से जल्द घर की सुविधा मुहैया करवाई जाए. सोमवार को मंडी पहुंचा शव, आज होगा अंतिम संस्कार कश्मीर में शहादत के बाद शहीद राकेश कुमार की पार्थिव शरीर मंडी पहुंच गया है. शहीद की पार्थिव देह हैलीकॉप्टर के माध्यम से मंडी के कांगणीधार हैलीपेड पर लाई गई और फिर नेरचौक मेडिकल कॉलेज में रखा गया है. मंगलवार सुबह 10 बजे के करीब राकेश कुमार का अंतिम संस्कार होगा. गौरतलब है कि 28 जनवरी 1982 को राकेश कुमार का जन्म हुआ था और सेना में 23 साल पहले वह भारतीय सेना में भर्ती हुए थे और पैरा कमांडो थे. सीएम और अन्य नेताओं ने जताया शोक हिमाचल प्रदेश के सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने राकेश कुमार की शहादत पर दुख जताया. साथ ही परिवार को सांत्वाना दी. उधर, राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने नायब सूबेदार राकेश कुमार की शहादत पर शोक व्यक्त किया है. शिव प्रताप शुक्ल ने कहा कि राष्ट्र के लिए नायब सूबेदार राकेश कुमार का सर्वोच्च बलिदान सदैव याद रखा जाएगा. वह युवाओं के लिए सदैव प्रेरणा स्रोत बने रहेंगे. उन्होंने ईश्वर से दिवंगत आत्मा की शान्ति और शोक संतप्त परिजनों को इस अपूर्णीय क्षति को सहन करने की शक्ति प्रदान करने की प्रार्थना की.
Bhaskardoot Digital Desk www.bhaskardoot.com