महाराष्ट्र की सभी 288 सीटों पर चुनाव लड़ेगी कांग्रेस, टूटने के कगार पर MVA!

महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के ऐलान और अब नामांकन शुरू होने से एक दिन पहले तक महाविकास अघाड़ी में तकरार जारी है. दूसरी तरफ भाजपा ने अपने 99 उम्मीदवारों

Oct 20, 2024 - 23:07
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महाराष्ट्र की सभी 288 सीटों पर चुनाव लड़ेगी कांग्रेस, टूटने के कगार पर MVA!
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महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के ऐलान और अब नामांकन शुरू होने से एक दिन पहले तक महाविकास अघाड़ी में तकरार जारी है. दूसरी तरफ भाजपा ने अपने 99 उम्मीदवारों को घोषणा कर दी है. ऐसे में सवाल उठता है कि क्या राज्य में कांग्रेस और शिवसेना उद्धव गुट के रास्ते अलग-अलग हो जाएंगे? राज्य में बीते तीन दिनों से सीटों को लेकर शिवसेना उद्धव गुट और कांग्रेस में तकरार जारी है. कुछ दिन पहले रिपोर्ट आई थी कि एमवीए में 260 सीटों पर सहमति बन गई है. राज्य में विधानसभा की 288 सीटें हैं. बची हुई 28 सीटों को लेकर तकरार बना हुआ है. इनमें मुंबई और विदर्भ क्षेत्र की कई सीटें हैं. दरअसल, विदर्भ में कांग्रेस की स्थिति बेहतर है. बीते लोकसभा चुनाव में इलाके की 10 सीटों में से पांच पर कांग्रेस को जीत मिली थी. इसके अलावा प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले विदर्भ क्षेत्र से आते हैं.
इस बीच एमवीए के भीतर पैदा इस रार को सुलझाने की जिम्मेदारी वयोवृद्ध नेता शरद पवार के कंधों पर आ गई है. राज्य में सीट बंटवारे को लेकर रार नहीं सुलझ पाने के कारण कांग्रेस की केंद्रीय चुनाव समिति की रविवार को होने वाली बैठक भी स्थगित कर दी गई. रविवार को शिवसेना उद्धव गुट के नेता आदित्य ठाकरे ने शरद पवार से मुलाकात की. इस बीच कांग्रेस पार्टी गठबंधन टूटने की स्थिति में राज्य की सभी 288 सीटों पर चुनाव लड़ने की योजना पर भी काम कर रही है. शरद पवार पर एमवीए बचाने की जिम्मेदारी कांग्रेस पार्टी ने अपनी ओर से पार्टी कार्यसमिति के सदस्य नसीम खान को शरद पवार के साथ बातचीत के लिए नियुक्त किया है. नसीम खान ने बताया कि शरद पवार एमवीए के संस्थापक हैं. उनसे उनकी बातचीत हुई है. इसके बाद उन्होंने उद्धव ठाकरे और संजय राउत दोनों नेताओं से बातचीत की है. उन्होंने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि शरद पवार के हस्तक्षेप के बाद मामला सुलझा लिया जाएगा. हालांकि, इस रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि हाल के दिनों में कांग्रेस पार्टी ने राज्य की सभी 288 सीटों की समीक्षा की है और उन सीटों के लिए संभावित उम्मीदवारों के नाम भी तय कर लिए हैं. ऐसा इसलिए कि अगर गठबंधन टूटता है तो पार्टी अपने दम पर सभी सीटों पर चुनाव लड़ने के लिए तैयार रहे. कांग्रेस का कहना है कि शिवसेना उद्धव गुट और एनसीपी शरद गुट की अनुचित मांगों की वजह से सीट बंटवारे पर मसला उलझा हुआ है.
Bhaskardoot Digital Desk www.bhaskardoot.com