दिल्ली में लंच और लंदन में शाम की चाय, महज 30 मिनट में तय होगी 6000 KM की दूरी

रोजाना दुनिया में ऐसे आविष्कार हो रहे हैं, जिसके बारे में कोई कभी सोचा नहीं होगा. रियूजेबल रॉकेट से लेकर दूसरे ग्रह पर मानव बस्ती बसाने तक के बारे में

Oct 20, 2024 - 01:35
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दिल्ली में लंच और लंदन में शाम की चाय, महज 30 मिनट में तय होगी 6000 KM की दूरी
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रोजाना दुनिया में ऐसे आविष्कार हो रहे हैं, जिसके बारे में कोई कभी सोचा नहीं होगा. रियूजेबल रॉकेट से लेकर दूसरे ग्रह पर मानव बस्ती बसाने तक के बारे में सोचा जाने लगा है. लेकिन, अगर आपसे कहा जाए कि आप महज 1 घंटे में दिल्ली से लंदन पहुंच जाएंगे तो इस पर आपका क्या रिएक्शन होगा? जी हां… सही सुन रहे हैं. यानी कि एक ही दिन में दोपहर का खाना दिल्ली में खाकर रात का डिनर लंदन में कर सकते हैं. ऐसा कैसे संभव है, कौन सा यान या गाड़ी ऐसा संभव कर रहा है और कब यह सेवा शुरू होगी…चलिए जानते हैं.
अमेरिका स्थित ह्यूस्टन की एक स्टार्टअप इंजीनियरिंग कंपनी वीनस एयरोस्पेस दुनिया का पहला हाइपरसोनिक कमर्शियल एयरक्राफ्ट वीनस स्टारगेज़र M4 विकसित कर रही है. यह एयरक्राफ्ट मैक 9 (6905 मील प्रति घंटे) की रफ्तार से उड़ान भर सकती है. यह साउंड की स्पीड से 9 गुना तेजी से उड़ान भरने में सक्षम है. कंपनी ने बयान जारी कर कहा कि यह आसान नहीं है. यह रॉकेट साइंस है. कई एक्सपर्ट किए गए हायर वीनस एयरोस्पेस एक ऐसी कंपनी है जो आम इंसान के कल्पना के परे काम कर रही है. यह कंपनी हापरसोनिक ट्रैवलिंग के एडवांस एयरक्राफ्ट डेवलप कर रही है. बेहतर डिजाइन और तकनीक के उपयोग के लिए उन्होंने पीएचडी, रॉकेट वैज्ञानिकों और इंजीनियरों की एक टीम को हायर किया है. आधे घंटे में लंदन वीनस कंपनी ने एक सिंगल इंजन सिस्टम विकसित किया है. इसका नाम रैमजेट इंजन है. यह मैक 4 (3069 मील प्रति घंटे) की स्थिर क्रूजिंग की स्पीड तक पहुंचने में सक्षम है. इस जेट की खासियत यह है कि 7500 किलोमीटर की दूरी मात्र 30 मिनट में तय कर सकती है. इसकी डिजाइन इस तरीके से की गई है कि यह दुनिया के किसी भी एयरपोर्ट से टेकऑफ और लैंडिंग करने में सक्षम है. गोल दिखेगी धरती वीनस ने बताया कि दुनिया के जो समान्य फ्लाइट्स होते हैं वे आसमान में 38,000 फीट की ऊंचाई पर उड़ान भरते हैं. जबकि इस स्टारगेजर में सवार यात्री 110,000 फीट की ऊंचाई तक उड़ान भरेंगे. इस ऊंचाइ से यात्री को धरती को बिल्कुल उसके वास्तविक आकार में देखने का मजा ले सकेंगे. मानव इतिहास में क्रांतिकारी बदलाव लाने वाली यह सेवा 2030 तक शुरू हो सकती है.
Bhaskardoot Digital Desk www.bhaskardoot.com