मुजफ्फरनगर में एक विवाह समारोह में दूल्हे ने ऐसा कदम उठाया, जिसने पूरे जिले में मिसाल कायम कर दी। 26 वर्षीय अवधेश राणा ने तिलक समारोह के दौरान दुल्हन पक्ष द्वारा दिए जा रहे 31 लाख रुपये के दहेज को ठुकरा दिया और केवल 1 रुपये का शगुन स्वीकार किया।
दुल्हन अदिति सिंह के पिता का निधन कोविड महामारी में हो गया था, जिसके बाद उनके परिवार ने बड़ी मुश्किल से यह रकम इकट्ठा की थी। जैसे ही दहेज की थाली प्रस्तुत की गई, अवधेश ने विनम्रता से सिर झुकाया और पैसे वापस करते हुए कहा— “यह दुल्हन के पिता की जीवनभर की कमाई है, मेरा इस पर कोई हक नहीं।”
उनकी यह सादगी और दहेज प्रथा के खिलाफ मजबूत संदेश देखकर उपस्थित लोग भावुक भी हुए और गर्व भी महसूस किया। मेहमानों ने तालियों से अवधेश के निर्णय का स्वागत किया। दूल्हे के माता-पिता ने भी पूरी तरह उनके फैसले का समर्थन किया।
शादी का माहौल सकारात्मक ऊर्जा से भर गया और सभी रस्में खुशी के साथ पूरी हुईं। अदिति की विदाई मुस्कुराहट और सम्मान के साथ हुई।
यह घटना पूरे क्षेत्र में चर्चा का विषय बन गई है। ग्रामीणों का कहना है कि अवधेश का यह कदम समाज में फैली दहेज प्रथा के लिए एक कड़ा संदेश है और युवाओं के लिए प्रेरणा भी।
22 नवंबर को हुई इस शादी के बाद अवधेश ने कहा कि वे दहेज प्रथा के पूरी तरह खिलाफ हैं और वे सिर्फ समानता और सम्मान पर आधारित रिश्ते में विश्वास रखते हैं।





