उत्तर प्रदेश सरकार ने आधार कार्ड की वैधता को लेकर एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। अब राज्य में आधार कार्ड को जन्म प्रमाण पत्र के रूप में स्वीकार नहीं किया जाएगा। इस संबंध में सरकार ने सभी विभागों को निर्देश जारी कर दिए हैं कि किसी भी प्रक्रिया में आधार को जन्म प्रमाण के तौर पर मान्यता न दी जाए।
यह फैसला ऐसे समय में आया है जब देशभर में SIR प्रक्रिया चल रही है, और हाल ही में दो आधार–दो पैन कार्ड मामले में आज़म खान और उनके बेटे को सजा सुनाई गई है। इससे यह सवाल उठने लगा कि यदि आधार जन्म का सटीक प्रमाण नहीं है, तो आखिर कौन से दस्तावेज को जन्म प्रमाण के रूप में मान्यता दी जाएगी।
क्यों नहीं माना जाएगा आधार कार्ड जन्म प्रमाण?
सरकार के मुताबिक आधार कार्ड बनवाते समय दी गई जन्मतिथि किसी अधिकृत दस्तावेज से सत्यापित नहीं होती, बल्कि व्यक्ति खुद ही अपनी जन्मतिथि बताता है। UIDAI ने भी स्वीकार किया है कि आधार में दर्ज जन्मतिथि पूर्णत: प्रमाणिक नहीं मानी जा सकती, क्योंकि इसमें जन्म प्रमाण पत्र, स्कूल रिकॉर्ड या अस्पताल का प्रमाण प्रस्तुत करना जरूरी नहीं होता। महाराष्ट्र सरकार भी इसी आधार पर आधार को जन्म प्रमाण के रूप में अस्वीकार कर चुकी है।
कौन से दस्तावेज होंगे मान्य?
उत्तर प्रदेश सरकार ने स्पष्ट किया है कि जन्म प्रमाण के लिए निम्न दस्तावेज ही वैध माने जाएंगे—
स्वास्थ्य विभाग द्वारा जन्म के समय जारी किया गया जन्म प्रमाण पत्र
हाई स्कूल मार्कशीट (क्लास 10वीं की मार्कशीट)
नगर निकाय या स्थानीय निकाय द्वारा जारी जन्म संबंधी प्रमाण पत्र
इन दस्तावेजों को ही जन्म का आधिकारिक और सत्यापित प्रमाण माना जाएगा।





