भारतीय सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने पाकिस्तान और आतंकवाद के मुद्दे पर दो टूक संदेश देते हुए कहा है कि भारत किसी भी हालात में लंबा युद्ध लड़ने की पूरी क्षमता रखता है। उन्होंने साफ कहा कि दुश्मन चाहे पाकिस्तान हो या उसके समर्थित आतंकी संगठन, भारतीय सेना हर खतरे का निर्णायक जवाब देने के लिए तैयार है।
चाणक्य डिफेंस डायलॉग से पहले दिए बयान में उन्होंने बताया कि पिछले पांच वर्षों में कश्मीर में आतंकवाद में उल्लेखनीय कमी आई है। मारे गए आतंकियों में 61% पाकिस्तान से आए थे, जो यह साबित करता है कि सीमा पार से आतंक भेजने की कोशिशें अब भी जारी हैं।
उन्होंने ऑपरेशन ‘सिंदूर’ का उदाहरण देते हुए कहा कि यह तो सिर्फ शुरुआत थी, और जरूरत पड़ने पर पाकिस्तान को उसकी हरकतों का कड़ा सबक सिखाया जाएगा। जनरल द्विवेदी ने यह भी साफ किया कि भारत किसी भी तरह के न्यूक्लियर दबाव से घबराने वाला नहीं है—चाहे युद्ध महीनों चले या वर्षों, भारतीय सेना पूरी तरह सक्षम है।
लाल किले पर हुए धमाके का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि भारत का डिटरेंस प्रभावी है और अगर आतंकियों की ओर से कोई भी संदेश आता है, तो उसकी जड़ तक पहुंचने में सेना को देर नहीं लगेगी।
चीन पर बात करते हुए उन्होंने कहा कि पूर्वी लद्दाख में तनाव कम होने के बाद हालात बेहतर हो रहे हैं और राजनीतिक वार्ता के कारण दोनों देशों के बीच संबंध सामान्य स्थिति की ओर बढ़ रहे हैं।
म्यांमार से आए 43,000 शरणार्थियों पर उन्होंने कहा कि भारत उन्हें वापस भेजने की प्रक्रिया में है और यदि उनमें कोई आतंकी गतिविधि में शामिल पाया गया, तो सख्त कार्रवाई की जाएगी।





