राज्यपाल ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 में शिक्षकों की बहुत बड़ी भूमिका है। इसके लिए शिक्षकों और विद्यार्थियों के बीच सतत् चर्चा होनी चाहिए। एन.ई.पी.के बारे में विद्यार्थियों को संपूर्ण जानकारी हो। उन्होंने शिक्षकों से कहा कि शिक्षक और गुरू में अंतर होता है। गुरू शब्द का अर्थ विस्तृत है। आप गुरू बनिए शिक्षक नहीं, अपने अनुभव और ज्ञान से युवाओं का मार्गदर्शन करें। श्री डेका ने कहा कि विश्वविद्यालय में सकारात्मक वातावरण रखें। नवाचार पर बहुत कार्य हो रहे हैं। सरकार भी इसके लिए मदद कर रही है। उन्होंने कहा कि मानव, पशु और प्रकृति के बीच में संतुलन रखना बहुत आवश्यक है। तभी हमारा अस्तित्व कायम रहेगा। हमें सतत् विकास के लिए सोचना है और एक पेड़ मां के नाम लगाना है। श्री डेका ने विद्यार्थियों से कहा कि आप देश के भविष्य हैं, आप के योगदान से भारत 5 ट्रिलियन अर्थव्यवस्था बनेगा।
विद्यार्थी रचनात्मकता को बढ़ाएं और नवाचार में उपयोग करें
राज्य के उच्च शिक्षा मंत्री श्री टंकराम वर्मा ने कहा कि राष्ट्र के विकास में युवाओं की सबसे बड़ी भागीदारी होती है। विद्यार्थी अपनी रचनात्मकता को बढ़ाएं और नवाचार के लिए इसका उपयोग करें। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा युवाओं को आगे बढ़ाने के लिए नीतिगत निर्णय लिए गए हैं परिणामस्वरूप उन्हें नए अवसर उपलब्ध होंगे।
इस अवसर पर राज्य निजी विश्वविद्यालय विनियामक आयोग के अध्यक्ष प्रोफेसर वी.के.गोयल, कलिंगा विश्वविद्यालय के अध्यक्ष श्री राजीव कुमार, कुलाधिपति श्री संदीप अरोरा, कुलपति श्री आर. श्रीधर, उपकुलाधिपति श्री सज्जन सिंह, कुलसचिव तथा कलिंगा विश्वविद्यालय के प्रबंध मण्डल के सदस्य, विभागाध्यक्ष, अध्यापकगण, विश्वविद्यालय के विद्यार्थी एवं उनके अभिभावक उपस्थित थे।




