Home देश क्‍या SIP से हो रहा है लोगों का मोहभंग? इस आंकड़े ने...

क्‍या SIP से हो रहा है लोगों का मोहभंग? इस आंकड़े ने दी म्‍यूचुअल फंडों को टेंशन

भारत में पिछले कुछ दिनों से म्‍यूचुअल फंड में पैसा लगाने का चलन बढ रहा था. लेकिन, अब लगता है इसमें ठहराव आ गया है. इसका संकेत एसआईपी का रिकार्ड स्‍तर पर पहुंचा स्टॉपेज अनुपात बताता है. अप्रैल में यह अनुपात 296% दर्ज किया गया. SIP स्टॉपेज अनुपात का अर्थ है – उस महीने बंद या परिपक्व हुए खातों की संख्या को नए खोले गए खातों से विभाजित करने पर प्राप्त होने वाला अनुपात. इंडियन म्यूचुअल फंड्स एसोसिएशन (AMFI) द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक, अप्रैल में करीब 1.36 करोड़ SIP खाते बंद या परिपक्व हुए, जबकि नए केवल 46 लाख SIP खाते खोले गए. खास बात यह है कि जनवरी से ही एसआईपी स्‍टॉपेज रेश्‍यो 100 से ऊपर बना हुआ है. यानी बंद या परिपक्व हो रहे SIP खातों की संख्या नए खातों की तुलना में अधिक रही है. हालांकि विशेषज्ञों का मानना है कि यह बढ़त सामान्य नहीं है, बल्कि AMFI द्वारा शुरू की गई पुनर्मिलन (Reconciliation) प्रक्रिया का नतीजा है.

एसआईपी के स्‍टॉपेज रेश्‍यो में बढोतरी के पीछे कुछ विशेषज्ञ AMFI की सख्‍ती को भी मान रहे हैं. एएफएफआई रजिस्ट्रार और ट्रांसफर एजेंट (RTA) और एक्सचेंजों के साथ SIP खातों की संख्या का मिलान कर रहा है. SIP खाता आरटीए या एक्सचेंजों के साथ भी खोला जा सकता है, क्योंकि वे म्यूचुअल फंड प्लेटफॉर्म भी प्रदान करते हैं. यह देखा गया कि कई निष्क्रिय खाते हैं और इसलिए दो श्रेणियों (RTA और एक्सचेंज) के बीच ऐसे खातों को छांटने के लिए सुलह प्रक्रिया शुरू की गई है. इस वजह से बंद खातों का आंकड़ा बढा है

मई में कम हो जाएगा यह अनुपात
AMFI के मुख्य कार्यकारी वेंकट चालसानी ने भी स्‍टॉपेज रेश्‍यो में बढोतरी का कारण आरटीए और एक्सचेंजों द्वारा की गई सुलह प्रक्रिया का परिणाम बताया है. उन्होंने कहा कि यह प्रक्रिया अप्रैल में समाप्त हो गई. मई में अनुपात कम हो जाएगा. अप्रैल 2024 में SIP स्टॉपेज अनुपात 52 फीसदी और साल 2024 में यह अधिकांश महीनों में 50-60 प्रतिशत के बीच रहा.