भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सऊदी अरब के साथ भारत के बढ़ते संबंधों की “असीम संभावनाओं” की तारीफ की है. वह मंगलवार को मक्का के पवित्र शहर का प्रवेश द्वार माने जाने वाले जेद्दा के दो दिवसीय दौरे पर रवाना होंगे. यह 2016 के बाद से उनका तीसरा दौरा है. अरब न्यूज़ को दिए एक एक्सक्लूसिव इंटरव्यू में, उन्होंने सऊदी अरब को “एक विश्वसनीय मित्र और रणनीतिक सहयोगी” बताया और 2019 में रणनीतिक साझेदारी परिषद के गठन के बाद से द्विपक्षीय संबंधों में महत्वपूर्ण विस्तार पर जोर दिया.
पीएम मोदी ने कहा, “हमारी साझेदारी की असीम संभावनाएं हैं. एक अनिश्चितताओं से भरी दुनिया में, हमारा बंधन स्थिरता का एक स्तंभ है.” उन्होंने सऊदी क्राउन प्रिंस और प्रधानमंत्री मोहम्मद बिन सलमान के नेतृत्व की प्रशंसा करते हुए उन्हें “दोनों देशों के द्विपक्षीय संबंधों का मजबूत समर्थक” और एक ऐसा दूरदर्शी नेता बताया, जिन्होंने विजन 2030 के तहत सुधारों के जरिए पूरी दुनिया में प्रशंसा हासिल की है. पीएम मोदी ने कहा, “हर बार जब मैं उनसे मिला हूं, उन्होंने मुझ पर गहरा प्रभाव छोड़ा है. उनकी अंतर्दृष्टि, उनकी दूरदर्शी सोच और अपने लोगों की आकांक्षाओं को पूरा करने का उनका जुनून वास्तव में अद्वितीय है.”
आर्थिक महत्वाकांक्षाओं को उजागर करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि वैश्विक चुनौतियों के बावजूद दोनों देशों के बीच व्यापार बढ़ा है, जिसमें ऊर्जा, कृषि और उर्वरक प्रमुख क्षेत्र हैं. उन्होंने सऊदी और भारतीय व्यवसायों के बीच गहरे एकीकरण का स्वागत किया, विशेष रूप से उभरते क्षेत्रों जैसे ग्रीन हाइड्रोजन और तकनीक में. उन्होंने कहा, “भारतीय कंपनियों ने सऊदी अरब में विभिन्न क्षेत्रों में मजबूत उपस्थिति बनाए रखी है.” पीएम मोदी ने वर्ल्ड एक्सपो 2030 और फीफा विश्व कप 2034 की मेजबानी के लिए बोली जीतने पर सऊदी अरब को बधाई दी, और इन दोहरी सफलताओं को “अत्यधिक गर्व” का विषय बताया. उन्होंने बढ़ते रक्षा सहयोग और महत्वपूर्ण संयुक्त सैन्य अभ्यासों को बढ़ते रणनीतिक विश्वास के संकेत के रूप में जाहिर किया.
सितंबर 2023 में जी20 शिखर सम्मेलन के दौरान शुरू किए गए भारत-मध्य पूर्व-यूरोप आर्थिक गलियारे (IMEEC) पर, पीएम मोदी ने कहा कि यह परियोजना “पूरे क्षेत्र में वाणिज्य, कनेक्टिविटी और विकास का एक प्रमुख स्रोत” होगी. एक बयान में, भारत सरकार ने कहा कि यह यात्रा “सऊदी अरब के साथ अपने द्विपक्षीय संबंधों को भारत द्वारा दी जाने वाली अहमियत को दिखाती है.”