सावधान! मार्केट में हैं कई फर्जी ऐप, ले उड़ेंगे आपका पैसा
Financial Fraud, Duplicate Apps, ‘डबल पैसा’ के झांसे में युवाओं को लूट रहे डिजिटल चोर, ऐप बंद कर हुए गायब ED की जांच में खुलासा: फर्जी कंपनियों और पेमेंट गेटवे के जरिए करोड़ों की ठगी कोविड काल में बने फर्जी KYC से खुले खाते, सोने में लगाया गया लूटा गया पैसा

विशेष संवाददाता, भास्कर दूत
नई दिल्ली। ‘डबल पैसा’ के झांसे में युवाओं को लूट रहे डिजिटल चोर, ऐप बंद कर हुए गायब ED की जांच में खुलासा: फर्जी कंपनियों और पेमेंट गेटवे के जरिए करोड़ों की ठगी कोविड काल में बने फर्जी KYC से खुले खाते, सोने में लगाया गया लूटा गया पैसा
बेंगलुरु से शुरू हुई एक बड़ी डिजिटल धोखाधड़ी की परतें अब पूरे देश में चिंता का विषय बनती जा रही हैं। क्रिप्टो माइनिंग जैसे तकनीकी विषय के नाम पर आम जनता को बेवकूफ बनाकर ठगने का नया तरीका सामने आया है। प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने हाल ही में एक बड़े साइबर इन्वेस्टमेंट फ्रॉड का पर्दाफाश किया है, जिसमें एक मोबाइल ऐप 'ShareHash' के माध्यम से लोगों को झांसे में लेकर उनकी कमाई हड़पी गई।
इस ऐप के ज़रिए इन्वेस्टर्स को क्रिप्टो माइनिंग से मोटे रिटर्न का वादा किया गया। शुरुआत में कुछ निवेशकों को मामूली मुनाफा दिखाकर ऐप पर भरोसा दिलाया गया, लेकिन बाद में जब निवेशकों की संख्या बढ़ गई और करोड़ों की रकम जमा हो गई, तब यह ऐप अचानक गूगल प्ले स्टोर से हटा दिया गया। न कोई हेल्पलाइन, न कोई उत्तर - निवेशकों को अंधेरे में छोड़ दिया गया।
फर्जी कंपनियों की आड़, 40 से अधिक बैंक अकाउंट्स का इस्तेमाल
ED की शुरुआती जांच में सामने आया है कि इस पूरे घोटाले को पांच मुख्य कंपनियों के नाम पर अंजाम दिया गया, जिनमें शामिल हैं:
Cotata Technology Pvt. Ltd
Siraleen Tech Solutions Pvt. Ltd
Crampington Technology Pvt. Ltd
Nileen Infotech Pvt. Ltd
Moltres Exim Pvt. Ltd
ये कंपनियां कोविड महामारी के समय बेरोजगार युवाओं के नाम पर बनाई गईं। फर्जी KYC से इनके नाम पर बैंक खाते खोले गए। इन कंपनियों के पते या तो फर्जी पाए गए या बंद। ED को इन कंपनियों के डॉयरेक्टर्स से कोई सहयोग नहीं मिला। कई ने तो ED की नोटिस का जवाब ही नहीं दिया। बड़ी चालाकी से निवेशकों से जुटाए गए करोड़ों रुपये इन कंपनियों के बैंक खातों में मंगवाए गए और वहां से पेमेंट गेटवे के जरिए सेकेंडरी फर्जी कंपनियों में ट्रांसफर कर दिए गए। वहां से इन पैसों को या तो कैश में निकाल लिया गया या सोने में निवेश कर दिया गया, जिससे ट्रेस करना और भी मुश्किल हो जाए।
ShareHash सिर्फ शुरुआत? ऐसे कई ऐप्स हो सकते हैं फरेब का हिस्सा
साइबर क्राइम पुलिस की FIR और ED की कार्रवाई में यह बात सामने आई है कि ShareHash केवल एक उदाहरण है। इस तरह के कई अन्य ऐप्स सोशल मीडिया पर विज्ञापनों के ज़रिए लोगों को लुभा रहे हैं। ‘100 रुपये लगाओ, 1000 कमाओ’ जैसे वादे दिखाकर भोली-भाली जनता को लूटने का खेल जोरों पर है।
वर्तमान में ED ने करीब ₹7.02 करोड़ की राशि अटैच की है जो 29 अलग-अलग बैंक खातों में मिली है। लेकिन आशंका जताई जा रही है कि यह स्कैम इससे कहीं बड़ा हो सकता है, क्योंकि इसमें 40 से ज्यादा बैंक अकाउंट्स, अनेक पेमेंट गेटवे, और सोने की खरीद जैसे तरीके इस्तेमाल किए गए हैं।
जनता क्या करे? ये रखें सावधानी
क्रिप्टो या किसी भी डिजिटल इन्वेस्टमेंट से पहले उसकी जांच जरूर करें।
ऐसे ऐप्स से दूर रहें जो गारंटीड हाई रिटर्न का वादा करें।
किसी अनजान ऐप या लिंक पर अपनी KYC, OTP या बैंक डिटेल्स न दें।
अगर किसी स्कैम का शिकार हुए हों तो तुरंत साइबर क्राइम हेल्पलाइन 1930 पर शिकायत दर्ज करें।
पुलिस और सरकारी एजेंसियों की वेबसाइट से ही सत्यापित जानकारी लें।
डिजिटल मुनाफा नहीं, डिजिटल धोखा भी हो सकता है
देश तेजी से डिजिटल हो रहा है, लेकिन इसके साथ धोखेबाज़ भी हाई-टेक हो गए हैं। क्रिप्टो, माइनिंग, ट्रेडिंग जैसे शब्दों के पीछे छिपे फरेब को समझना और बचाव करना अब हर नागरिक की ज़िम्मेदारी है। याद रखें—लालच में आकर डिजिटल सपना न पालें, हो सकता है वो कर्ज़ और पछतावे की हकीकत बन जाए।