अग्नि-1 की तपिश में जल जाएगा पाक, पृथ्‍वी-2 चली तो मुनीर को 'सिंदूर' से भी बुरी पड़ेगी मार, F16- JF17 बनेंगे कबाड़

शॉर्ट रेंज बैलेस्टिक मिसाइल पर भारत का फोकस है. आज अग्नि-1 और पृथ्‍वी-2 का ओडिशा के चांदीपुर में सफल परीक्षण किया गया. हाल ही में ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारत ने पाकिस्‍तान को उसी के घर में घुसकर चारों खाने चित किया था. भारत लगातार अपनी सैन्‍य क्षमताओं को बढ़ा रहा है. यह मिसाइलें पाकिस्‍तान के सबसे अहम लड़ाकू विमान F15 और JF17 से टक्‍कर लेने का भी दम रखते हैं.

Jul 18, 2025 - 11:53
Jul 18, 2025 - 16:52
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अग्नि-1 की तपिश में जल जाएगा पाक, पृथ्‍वी-2 चली तो मुनीर को 'सिंदूर' से भी बुरी पड़ेगी मार, F16- JF17 बनेंगे कबाड़
अग्नि-1 की तपिश में जल जाएगा पाक, पृथ्‍वी-2 चली तो मुनीर को 'सिंदूर' से भी बुरी पड़ेगी मार, F16- JF17 बनेंगे कबाड़
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पृथ्वी-II का सफल परीक्षण आज ओडिशा के चांदीपुर के एकीकृत परीक्षण रेंज से हुआ. यह 350 किमी रेंज की एकल-चरण, तरल-ईंधन मिसाइल है. यह 500-1000 किलो का पेलोड ले जा सकती है. यह उच्च सटीकता वाली मिसाइल है जो परमाणु हथियार ले जाने की क्षमता है.

पृथ्वी-II की तकनीकी खूबियां बेहद शानदार हैं पृथ्वी-II में उन्नत नेविगेशन सिस्टम है, जो 10-50 मीटर की सटीकता देता है. यह परमाणु हथियार के लिए डिज़ाइन की गई है. इस मिसाइल की मोबाइल लॉन्चर से तुरंत तैनाती संभव है.

पृथ्वी-II का सामरिक महत्व बेहद खास है. यह मिसाइल साल 2003 से तैनात है. यह पाकिस्तान जैसे पड़ोसियों के खिलाफ रक्षा में महत्वपूर्ण है. युद्धक्षेत्र में तेजी से जवाबी कार्रवाई करने में पृथ्‍वी-2 मिसाइल का कोई जवाब नहीं है. तरल ईंधन के कारण लॉन्च में समय लगता है.

आज अग्नि-I का भी चांदीपुर से सफल परीक्षण हुआ. यह 700-1200 किमी रेंज की एकल-चरण, ठोस-ईंधन मिसाइल है. यह 1000 किलो तक पेलोड ले जा सकती है. खासबात यह है कि यह ठोस ईंधन होने के कारण तुरंत लॉन्च करने में सक्षम है.

अग्नि-1 में मैन्यूवरिंग री-एंट्री व्हीकल और वेग सुधार पैकेज है. यह सड़क और रेल मोबाइल लॉन्चर से तैनात हो सकती है. 1999 के कारगिल युद्ध के बाद विकसित, यह भारत की परमाणु निरोधक नीति का हिस्सा है.

पड़ोसी देश चीन और पाकिस्‍तान की बढ़ती ताकत को देखते हुए अग्नि-1 की यह टेस्टिंग भारत के लिए सामरिक दृष्टि से बेहद अहम है. अग्नि-1 तेजी से जवाबी कार्रवाई के लिए डिज़ाइन की गई है. इसकी ठोस-ईंधन तकनीक त्वरित लॉन्च सुनिश्चित करती है.

शॉर्ट रेंज बैलिस्टिक मिसाइल (SRBM) की रेंज 1000 किमी तक होती है. इनका मुख्य उपयोग सीमावर्ती क्षेत्रों में दुश्मन के सैन्य ठिकानों बंकर, कमांड सेंटर, रडार स्टेशन और हथियार डिपो को नष्ट करने में होता है. ये मिसाइलें तेजी से सटीक हमले करने में सक्षम हैं जो युद्धक्षेत्र में तुरंत जवाबी कार्रवाई के लिए आदर्श हैं.