उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने मंगलवार को मुजफ्फरपुर के ललित नारायण मिश्रा कॉलेज ऑफ बिजनेस मैनेजमेंट के स्थापना दिवस समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में शिरकत की. इस अवसर पर उन्होंने कॉलेज के संस्थापक और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. जगन्नाथ मिश्रा की 88वीं जयंती पर श्रद्धांजलि अर्पित की. उपराष्ट्रपति ने अपने माता-पिता केसरी देवी और गोकल चंद की स्मृति में पौधारोपण भी किया. इस दौरान बिहार के उद्योग मंत्री नीतीश मिश्रा ने शॉल और मधुबनी पेंटिंग भेंटकर उनका स्वागत किया. मंच से उपराष्ट्रपति ने बिहार की सांस्कृतिक और ऐतिहासिक विरासत की जमकर तारीफ की. उन्होंने भगवान बुद्ध और महावीर के उपदेशों का जिक्र करते हुए भारत की सहनशीलता और फिर संतुलित प्रतिक्रिया की बात की. अपने संबोधन में उन्होंने पाकिस्तान को आड़े हाथों लेते हुए कहा अब भारत बर्दाश्त नहीं करेगा.
उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने पहलगाम हमले के बाद पाकिस्तान में आतंकवादियों पर कार्रवाई को लेकर कहा कि, भारत ने आतंकवादियों के ठिकानों पर सीधा आक्रमण किया और सही तरीके से सबक सिखा दिया. सीमा के पार उनके सबसे बड़े प्रान्त के बीच में कब्रिस्तान में जब आतंकी को ले जाया जा रहा था तब सब शामिल थे. अब सुबूत कोई नहीं मांग रहा क्योंकि सुबूत दुश्मन ने दे दिया. प्रधानमंत्री ने बेहतरीन शक्ति का परिचय दिया, सबक भी सिखाया और ऑपरेशन समाप्त भी नहीं किया. उन्होंने कह दिया कि हम बर्दाश्त नहीं करेंगे. बिहार की भूमि इसके लिए प्रेरणास्त्रोत है कि ये भूमि महावीर और बुद्ध की है. बुद्ध महावीर की भूमि कभी हिंसा नहीं चाहती.
5000 हजार साल पुरानी संस्कृति
उपराष्ट्रपति ने कहा कि हमारे उपनिषद, वेद सब एक ही बात सिखाती है कि वसुधैव कुटुंबकम. दुनिया के किसी देश के पास वो नहीं जो हमारे पास है. 5000 हजार साल पुरानी संस्कृति और सनातन की संस्कृति बेमिसाल है. हम भारतीय हैं, भारतीयता हमारी पहचान, राष्ट्रीयता हमारा धर्म और राष्ट्र सर्वोपरि हमारे देश में शिक्षा हमेशा वैल्यू बेस रही है. हमारी शिक्षा का सिद्धांत चरित्र निर्माण करता है. प्रधानमंत्री ने कुशलता का परिचय देते हुए शिक्षा की पॉलिसी लाई है.
उपराष्ट्रपति ने कहा, मुजफ्फरपुर संस्कृति का शहर है. चंपारण सत्याग्रह यहीं से शुरू हुआ, जिसने स्वतंत्रता संग्राम को नई दिशा दी. नालंदा विश्वविद्यालय को सभ्यता का प्रतीक बताते हुए उन्होंने कहा कि बख्तियार खिलजी ने इसे जलाने की कोशिश की, लेकिन भारत की शिक्षा व्यवस्था अटल रही. उपराष्ट्रपति ने जगन्नाथ मिश्रा के साथ अपने पुराने रिश्ते को याद किया और कहा कि, 1989 में जब मैं पहली बार सांसद बना तब वे तीसरी बार मुख्यमंत्री बने. उनका स्नेह और गरिमापूर्ण आचरण आज भी प्रेरित करता है.
राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 की सराहना
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मुलाकात को भी उन्होंने यादगार बताया. उपराष्ट्रपति ने बिहार को महावीर और बुद्ध की भूमि बताते हुए कहा कि यह शांति और शिक्षा का केंद्र है. धनखड़ ने भारत की युवा शक्ति को देश की ताकत बताया और कहा, हमारी 28 वर्ष की औसत आयु दुनिया में बेमिसाल है. उन्होंने राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 की सराहना की और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत के आर्थिक उभार की बात की. आतंकवाद के खिलाफ भारत की नीति पर बोलते हुए उन्होंने कहा, प्रधानमंत्री ने सिखाया कि हम बर्दाश्त नहीं करेंगे.
हमारे लिए बेहद गौरव पूर्ण दिन-नीतीश मिश्रा
उपराष्ट्रपति के कार्यक्रम को लेकर उद्योग मंत्री नीतीश मिश्रा ने कहा कि ये हमारे लिए बेहद गौरव का पल है, आज महामहिम जी यहां पहुंचे. आज का दिन कॉलेज के लिए बेहद खास दिन है क्योंकि UGC के तरफ से ऑटोनोमस का स्टेटस दिया गया है. कार्यक्रम में नीतीश मिश्रा, बीआरए बिहार विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. दिनेश चंद्र राय सहित कई गणमान्य उपस्थित थे. डॉ दिनेश चंद्र राय ने कहा कि आज का दिन हमारे लिए बेहद गौरव पूर्ण है, महामहिम का अगमन हम सबके लिए बेहद गौरव पूर्ण है.