छत्तीसगढ़ का हिडन जेम, नजर आते हैं दुर्लभ जानवर, फटाफट प्लान कर लें ट्रिप

छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र तीनों राज्यों के सीमाओं पर खैरागढ़ और डोंगरगढ़ के घने जंगल अपने आप में एक विशाल क्षेत्र होने के साथ-साथ प्रकृति प्रे

Mar 24, 2025 - 09:04
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छत्तीसगढ़ का हिडन जेम, नजर आते हैं दुर्लभ जानवर, फटाफट प्लान कर लें ट्रिप
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छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र तीनों राज्यों के सीमाओं पर खैरागढ़ और डोंगरगढ़ के घने जंगल अपने आप में एक विशाल क्षेत्र होने के साथ-साथ प्रकृति प्रेमियों के लिए भी खजाना है. इस विशाल और घनघोर जंगल में प्रकृति शोध और संरक्षण वेलफेयर सोसाइटी ने 4 सालों तक शोध किया गया. इस शोध में पक्षियों के 290 प्रजातियां समेत कुल 35 स्तनधारी प्रजातियों की पहचान की गई है, जिसमें बाघ, तेंदुआ, भारतीय पैंगोलिन, Sloth Bear (भालू) और Four Horned Antelope (चौसिंघा) जैसे यहां दुर्लभ पक्षी और वन्यजीव नियमित रूप से पाए गए है. ऐसे में इस क्षेत्र को पर्यटकों के दृष्टि केंद्र से डेवलप किया जा सकता है. छत्तीसगढ़ के डोंगरगढ़ और खैरागढ़ नाम के ये दोनों गढ़ केवल ऐतिहासिक और सांस्कृतिक दृष्टि से ही नहीं, बल्कि अपनी समृद्ध जैव विविधता के लिए भी जाने जाते हैं. यहां के जंगलों में अनगिनत दुर्लभ और संरक्षित वन्य प्रजातियों का बसेरा है. हाल ही में एम्बियंट साइंस नामक वैज्ञानिक जर्नल में प्रकाशित एक शोध में यहां की अद्भुत जैव विविधता देखने को मिली है. अध्ययन के दौरान कई ऐसे रोमांचक क्षण आए जब शोधकर्ताओं ने दुर्लभ जीवों की गतिविधियों को नजदीक से देखा. इस शोध में प्रकृति शोध और संरक्षण वेलफेयर सोसायटी के प्रतीक ठाकुर और डॉ. दानेश सिन्हा के साथ छत्तीसगढ़ के मशहूर ऑर्निथोलॉजिस्ट एएम के भरोस और पक्षीप्रेमी और वर्तमान में सीईओ जिला पंचायत कोंडागांव में पदस्थ अविनाश भोई शामिल
Bhaskardoot Digital Desk www.bhaskardoot.com