मंदी के डर से अपने खर्च पर लगाम लगा रहीं अमेरिकी कंपनियां, मुरझाया भारत की सबसे बड़ी इंडस्ट्री के चेहरा

भारत का आउटसोर्सिंग उद्योग करीब 280 अरब डॉलर (लगभग 23 लाख करोड़ रुपये) का है और यह देश के निर्यात का एक बड़ा हिस्सा यहीं से जेनरेट होता है. लेकिन अमेर

Mar 17, 2025 - 04:50
Mar 17, 2025 - 04:50
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मंदी के डर से अपने खर्च पर लगाम लगा रहीं अमेरिकी कंपनियां, मुरझाया भारत की सबसे बड़ी इंडस्ट्री के चेहरा
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भारत का आउटसोर्सिंग उद्योग करीब 280 अरब डॉलर (लगभग 23 लाख करोड़ रुपये) का है और यह देश के निर्यात का एक बड़ा हिस्सा यहीं से जेनरेट होता है. लेकिन अमेरिका में संभावित मंदी और विदेशी उत्पादों व सेवाओं पर टैरिफ नीतियों के कारण इसकी ग्रोथ को लेकर चिंता बढ़ रही है. विशेषज्ञों के अनुसार, अमेरिकी कंपनियां अपने टेक्नोलॉजी संबंधी खर्चों में कटौती कर सकती हैं, जिससे भारतीय आईटी कंपनियों का मुनाफा प्रभावित हो सकता है. चूंकि भारतीय आईटी कंपनियों की कमाई का 50% से अधिक हिस्सा अमेरिकी बाजार से आता है, इसलिए यह स्थिति पूरी इंडस्ट्री के लिए चुनौतीपूर्ण हो सकती है. आउटसोर्सिंग एक्सपर्ट और EIIRTrend के सीईओ परीख जैन का कहना है कि मौजूदा अनिश्चित माहौल में लंबी अवधि की योजनाएं बनाना मुश्किल होगा. भारतीय आईटी कंपनियों को उम्मीद थी कि अमेरिकी कंपनियां जल्द ही अपने टेक्नोलॉजी पर होने वाले खर्च को बढ़ाएंगी, लेकिन यह प्रक्रिया और धीमी हो सकती है. हालांकि, अगर अर्थव्यवस्था स्थिर होती है और ब्याज दरों में कटौती होती है, तो निवेशकों का भरोसा बढ़ सकता है और खर्चों में तेजी आ सकती है. किन वजहों से बढ़ रही अस्थिरता वैश्विक आर्थिक स्थितियों, अमेरिकी नीतियों और भू-राजनीतिक घटनाओं ने आईटी सेक्टर में अस्थिरता बढ़ा दी है. चूंकि यह क्षेत्र ग्राहकों के टेक्नोलॉजी पर खर्च पर निर्भर करता है, ऐसे में अगर ये खर्च टाल दिए जाते हैं, तो आईटी कंपनियों की कमाई घट सकती है.
Bhaskardoot Digital Desk www.bhaskardoot.com