छत्तीसगढ़ क्रिकेट संघ की बड़ी उपलब्धि: प्रभतेज सिंह भाटिया बने बीसीसीआई के नए कोषाध्यक्ष

<blockquote><strong>संस्कारधानी राजनांदगांव का गौरव भास्कर दूत के खबर पर लगी मुहर</strong></blockquote> <img class="alignnone size-medium wp-image-20

Jan 12, 2025 - 17:22
Jan 12, 2025 - 17:28
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छत्तीसगढ़ क्रिकेट संघ की बड़ी उपलब्धि: प्रभतेज सिंह भाटिया बने बीसीसीआई के नए कोषाध्यक्ष
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संस्कारधानी राजनांदगांव का गौरव भास्कर दूत के खबर पर लगी मुहर
रायपुर। छत्तीसगढ़ क्रिकेट संघ (CSCS) के पूर्व अध्यक्ष प्रभतेज सिंह भाटिया को BCCI का नया कोषाध्यक्ष चुना गया है। वह इस पद पर आशीष शेलार की जगह लेंगे। बीसीसीआई द्वारा बुलाई गई स्पेशल जनरल मीटिंग के दौरान प्रभतेज सिंह भाटिया की कोषाध्यक्ष पद पर नियुक्ति की पुष्टि की गई है। यह उपलब्धि छत्तीसगढ़ क्रिकेट संघ के लिए मील का पत्थर साबित होगी, क्योंकि यह पहली बार है जब संघ का कोई प्रतिनिधि BCCI में इतनी बड़ी जिम्मेदारी निभाएगा। बता दें कि BCCI के पूर्व कोषाध्यक्ष आशीष शेलार ने महाराष्ट्र सरकार में कैबिनेट मंत्री पद मिलने के बाद कोषाध्यक्ष पद छोड़ दिया था। BCCI के नियमों के मुताबिक, बोर्ड का कोई भी पद खाली होने के 45 दिनों के भीतर उस पर नई नियुक्ति होनी अनिवार्य है। लिहाजा, शेलार के पद छोड़ने के बाद प्रभतेज सिंह भाटिया ने कोषाध्यक्ष पद के लिए आवेदन किया था, जिन्हें आज मुंबई में आयोजित BCCI की स्पेशल जनरल मीटिंग में निर्विरोध नया कोषाध्यक्ष चुन लिया गया। *जानिए कौन हैं प्रभतेज सिंह भाटिया* 1991 में रायपुर में जन्मे प्रभतेज सिंह भाटिया छत्तीसगढ़ के दिग्गज उद्योगपति और समाजसेवी बलदेव सिंह भाटिया के बेटे हैं। क्रिकेट के प्रति उनका जुनून और राज्य क्रिकेट को नई ऊंचाइयों पर ले जाने की उनकी प्रतिबद्धता सराहनीय है। प्रभतेज के पिता बलदेव सिंह भी छत्तीसगढ़ क्रिकेट संघ (CSCS) के अध्यक्ष रह चुके हैं। प्रभतेज सिंह भाटिया ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा शिमला से पूरी की। इसके बाद उन्होंने यूनाइटेड किंगडम स्थित यूनिवर्सिटी ऑफ एक्सेटर से इकोनॉमिक्स ऑनर्स में फाइनेंस का कोर्स किया। उनके शैक्षिक और नेतृत्व कौशल ने उन्हें क्रिकेट प्रशासन में एक प्रभावी व्यक्ति के रूप में स्थापित किया है। *प्रभतेज सिंह भाटिया का कार्यकाल* प्रभतेज सिंह भाटिया अगले 3 साल तक अपने पद बने रहेंगे और फिर से चुनाव लड़ने के पात्र होंगे। बीसीसीआई के नियमों के अनुसार, प्रत्येक अधिकारी का कार्यकाल तीन वर्षों का होता है और वे लगातार तीन बार इस पद पर रह सकते हैं। प्रत्येक कार्यकाल के बीच तीन वर्षों का अनिवार्य कूलिंग-ऑफ पीरियड भी होता है।
Bhaskardoot Digital Desk www.bhaskardoot.com