कंपनियों पर मुनाफे की बाढ़ और कर्मचारियों को मिलती हैं कुछ बूंदें! अब सरकार ने दिया दखल

प्राइवेट सेक्‍टर में नौकरी करने वालों को कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है. उनके ऊपर हमेशा छंटनी की तलवार लटकी रहती है और बिना परफॉर्मेंस के

Dec 12, 2024 - 00:30
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कंपनियों पर मुनाफे की बाढ़ और कर्मचारियों को मिलती हैं कुछ बूंदें! अब सरकार ने दिया दखल
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प्राइवेट सेक्‍टर में नौकरी करने वालों को कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है. उनके ऊपर हमेशा छंटनी की तलवार लटकी रहती है और बिना परफॉर्मेंस के कंपनी में टिके रहना भी मुश्किल रहता है. इन सभी परेशानियों के बीच अगर वह सरवाइव भी कर जाए तो कंपनियां सैलरी बढ़ाते समय चंद पैसे हाथ पर रख देती हैं. यह खुलासा इंडस्‍ट्री चैंबर फिक्‍की ने अपनी एक रिपोर्ट में किया है और अब सरकार ने भी मामले में दखल दिया है. फिक्‍की और क्‍वेश कॉरपोरेश लिमिटेड के इस सर्वे में बताया गया है कि कंपनियों ने पिछले 4 साल में जमकर मुनाफा कमाया, बावजूद इसके कर्मचारियों की सैलरी में मामूली इजाफा हुआ है. रिपोर्ट बताती है कि पिछले चार साल में कंपनियों के मुनाफे में 4 गुना की वृद्धि हुई है, जबकि कर्मचारियों की सैलरी मामूली रूप से बढ़ी है. मुख्‍य आर्थिक सलाहकार वी अनंत नागेश्‍वरन ने इस रिपोर्ट को गंभीरता से लिया है और कॉरपोरेट जगत से इस बारे में जरूरी कदम उठाने को भी कहा है. क्‍या है रिपोर्ट की खास बात पिछले महीने जारी विकास दर के आंकड़े गिरकर 5.4 फीसदी पर आ गए हैं, जिसका कारण कॉरपोरेट सेक्‍टर की इनकम 10 फीसदी से नीचे रहने को बताया है. यह तब है, जबकि कंपनियों का मुनाफा चार साल में 4 गुना हो चुका है. इसके बाद फिक्‍की और क्‍वेश कॉर्प लिमिटेड ने कंपनियों के बीच कराए एक सर्वे में खुलासा किया है कि साल 2019 से 2023 के बीच देश के 6 प्रमुख सेक्‍टर्स से जुड़ी कंपनियों में सैलरी इंक्रीमेंट औसतन 0.8 फीसदी रहा है. किस सेक्‍टर में कितना इंक्रीमेंट रिपोर्ट बताती है कि इंजीनियरिंग, मैन्‍युफैक्‍चरिंग, प्रोसेस और इन्‍फ्रा सेक्‍टर में औसतन 0.8 फीसदी का इजाफा हुआ है, जबकि एफएमसीजी सेक्‍टर में 5.4 फीसदी का औसतन सैलरी इंक्रीमेंट रहा. अब अगर इस बढ़ोतरी को महंगाई के सापेक्ष देखा जाए तो निगेटिव आता है. बीते 5 साल में खुदरा महंगाई 4.8 फीसदी से 6.7 फीसदी के बीच बढ़ी है, जिसके मुकाबले सैलरी इंक्रीमेंट न के बराबर रहा. क्‍या बोली सरकार मुख्‍य आर्थिक सलाहकार नागेश्‍वरन ने रिपोर्ट को कॉरपोरेट जगत के कार्यक्रमों में रखा और भारतीय कंपनियों से इस मामले में तत्‍काल कुछ करने को कहा है. सरकारी सूत्रों का कहना है कि लोगों की कमाई कम होना भी खपत में गिरावट का बड़ा कारण है. खासकर शहरी क्षेत्रों में, जहां कोविड के बाद स्थितियां काफी खराब हो गई हैं. रिपोर्ट में कहा गया है कि बैंकिंग और फाइनेंशियल सेक्‍टर में औसत सैलरी ग्रोथ 2.8 फीसदी रहा है, जबकि रिटेल में 3.7 फीसदी, आईटी में 4 फीसदी और लॉजिस्टिक्‍स में 4.2 फीसदी का ही इंक्रीमेंट हुआ.
Bhaskardoot Digital Desk www.bhaskardoot.com