चीन जा सकते हैं पीएम मोदी, दिल्ली में बीजिंग के अफसर एक्टिव, रिश्तों को पटरी पर लाने को क्यों बेचैन है पड़ोसी

भारत और चीन के बीच रिश्तों को बेहतर बनाने के लिए दोनों देश अथक प्रयास कर रहे हैं. बीते माह रूस के कजान शहर में पीएम नरेंद्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति

Nov 11, 2024 - 23:46
Nov 11, 2024 - 23:46
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चीन जा सकते हैं पीएम मोदी, दिल्ली में बीजिंग के अफसर एक्टिव, रिश्तों को पटरी पर लाने को क्यों बेचैन है पड़ोसी
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भारत और चीन के बीच रिश्तों को बेहतर बनाने के लिए दोनों देश अथक प्रयास कर रहे हैं. बीते माह रूस के कजान शहर में पीएम नरेंद्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच बातचीत हुई थी. उससे पहले भारत और चीन के बीच एलएसी पर पूर्व की स्थिति बहाल करने के लिए अपनी-अपनी सेना को पीछे हटाने पर भी सहमति बनी थी. अब दोनों देश आने वाले दिनों में रिश्तों में गर्माहट लाने के लिए कई और कोशिश करेंगे. इस क्रम में पीएम मोदी चीन का दौरा भी कर सकते हैं. इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक पीएम मोदी अगले साल चीन में होने वाले एससीओ बैठक में शामिल होने बीजिंग जा सकते हैं. बीते दिनों नई दिल्ली में चीनी दूतावास के अधिकारियों ने भारतीय मीडिया के साथ बातचीत में ये बातें कहीं. रिपोर्ट के मुताबिक एलएसी पर स्थिति में सुधार होने के बाद दोनों देशों के बीच सीधी फ्लाइट, चीनी नागरिकों को वीजा देने, कई मोबाइल ऐप्प पर लगी बैन हटाने, चीनी पत्रकारों को भारत आने और रिपोर्ट करने और चीन के सिनेमा घरों में और अधिक भारतीय फिल्मों को प्रदर्शित करने को लेकर बातचीत चल रही है. इस दिशा में आने वाले समय में जरूरी कदम उठाए जा सकते हैं. बीजिंग जाएंगे पीएम मोदी! इस रिपोर्ट में कहा गया है कि चीन की सरकार उम्मीद कर रही है कि अगले साल पीएम मोदी शंघाई सहयोग संगठन की बैठक में शामिल होने बीजिंग आ सकते हैं. बीते माह पाकिस्तान में एससीओ की बैठक हुई थी, जिसमें विदेश मंत्री एस. जयशंकर भारत की ओर से शामिल हुए थे. चीनी अधिकारियों का मानना है कि पीएम मोदी और राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच एक दोस्ताना संबंध है. दोनों नेताओं ने कजान में तैयार एजेंडे से इतर एक दूसरे से व्यक्तिगत तौर पर बातचीत की. दोनों नेता रिश्तों को बेहतर बनाना चाहते हैं. बीते पांच साल दोनों नेताओं की एक पहली आमने-सामने की मुलाकात थी. दोनों देश विशेष प्रतिनिधियों, विदेश मंत्रियों और उप विदेश मंत्रियों के स्तर पर बातचीत कर आगे की रणनीति तैयार कर रहे हैं, जिससे कि रिश्तों को बेहतर बनाया जा सके. ये अधिकारी और मंत्री इसी माह ब्राजील में जी20 की बैठक के वक्त फिर मिल सकते हैं. चीन क्यों दे रहा रिश्ते को महत्व चीन की अर्थव्यवस्था इस वक्त गिरावट के दौर से गुजर रही है. विकास दर लगातार गिर रही है. डिमांड में कमी उसकी सबसे बड़ी चुनौती है. दूसरी तरफ अमेरिका ने उसके कई प्रोडक्ट पर भारी आयात शुल्क लगा दिया है. चीन अर्थव्यवस्था में गति लाने के लिए प्रोत्साहन पैकेज दे रहा है. ऐसे में वह भारत से उम्मीद कर रहा है. भारत इस वक्त चीनी उत्पादों का एक सबसे बड़ा खरीददार देश है. ऐसे में उसकी मजबूरी है कि वह किसी भी कीमत पर भारत के साथ रिश्तों पटरी पर लाए जिससे कि उसकी अर्थव्यस्था को पटरी से उतरने से बचाया जा सके.
Bhaskardoot Digital Desk www.bhaskardoot.com