दूरसंचार मंत्रालय ने ऐप्पल, सैमसंग, वीवो, ओप्पो समेत सभी प्रमुख स्मार्टफोन कंपनियों को आदेश दिया है कि वे अपने नए फोन में सरकारी साइबर सिक्योरिटी ऐप ‘संचार साथी’ को अनिवार्य रूप से प्री-इंस्टॉल करें। कंपनियों को यह नियम लागू करने के लिए 90 दिन का समय दिया गया है, और खास बात यह है कि यह ऐप फोन से हटाया नहीं जा सकेगा।
क्या है संचार साथी ऐप?
संचार साथी ऐप, मई 2023 में आए पोर्टल का मोबाइल संस्करण है। इसे जनवरी 2024 में एंड्रॉइड और iOS दोनों पर लॉन्च किया गया था। यह ऐप यूजर्स को मोबाइल चोरी व धोखाधड़ी की शिकायत दर्ज करने में मदद करता है। इसके जरिए लोग अपने खोए या चोरी हुए फोन को सभी नेटवर्क पर ब्लॉक कर सकते हैं। फोन के दोबारा ऑन/यूज़ होते ही पुलिस उसकी लोकेशन ट्रैक कर सकती है।
ऐप में ‘चक्षु’ फीचर भी है, जिससे यूजर फर्जी कॉल, मैसेज या व्हाट्सऐप चैट को रिपोर्ट कर सकते हैं।
यूजर्स के लिए कैसे फायदेमंद है यह ऐप?
यूजर अपने नाम पर चल रहे सभी मोबाइल नंबर चेक कर सकता है।
किसी अनजान या संदिग्ध नंबर को तुरंत रिपोर्ट कर सकता है।
नो योर मोबाइल (KYM) फीचर से फोन की असलियत (अथेंटिसिटी) की जांच की जा सकती है।
साइबर सुरक्षा में बड़ी मदद
सरकार का लक्ष्य इस ऐप के जरिए नकली या डुप्लिकेट IMEI नंबरों से होने वाले साइबर अपराधों पर रोक लगाना है।
लॉन्च के बाद अब तक:
50 लाख+ डाउनलोड
37 लाख से ज्यादा चोरी/खोए फोन ब्लॉक
3 करोड़ से अधिक फर्जी मोबाइल कनेक्शन बंद
संचार साथी ऐप आने वाले समय में मोबाइल सुरक्षा को और मजबूत करने वाला एक प्रमुख सरकारी टूल बन सकता है।





