टाटा ग्रुप की एयरलाइन एयर इंडिया अभी घाटे में चल रही है. एयरलाइन अपने मालिकों टाटा संस और सिंगापुर एयरलाइंस से कम से कम 1.1 बिलियन डॉलर यानी करीब दस हजार करोड़ रुपये से ज्यादा की मदद मांगने वाली है.
ये पैसा कंपनी के सिस्टम और सर्विसेज को पूरी तरह से ओवरहॉल करने के लिए चाहिए, साथ ही अपना खुद का इंजीनियरिंग और मेंटेनेंस डिपार्टमेंट बनाने के लिए भी. बिजनेस टूडे के मुताबिक, ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट में इस बात का खुलासा हुआ है. एयर इंडिया को कई मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है, खासकर अहमदाबाद में हुए भयानक प्लेन क्रैश के बाद, जिसमें एक को छोड़कर सबकी जान चली गई थी. इसके अलावा मार्केट में कॉम्पिटिशन भी बहुत है और ऑपरेशंस चलाने में दिक्कतें आ रही हैं.
रिपोर्ट में एयर इंडिया से जुड़ा बड़ा खुलासा
ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक, ये फंडिंग एयर इंडिया को फाइनेंशियल लॉसेस से उबरने में मदद करेगी और ऑपरेशनल रेजिलिएंस के गैप्स को भरने में भी. टाटा ग्रुप के पास एयर इंडिया में 74.9 प्रतिशत हिस्सा है और सिंगापुर एयरलाइंस के पास बाकी का है. कोई भी सपोर्ट हिस्सेदारी के हिसाब से होगा और ये तय करना बाकी है कि पैसा इंटरेस्ट फ्री लोन के रूप में आएगा या इक्विटी बढ़ाकर. प्रॉफिट कमाने की कोशिशों पर और प्रेशर पड़ा है क्योंकि मई में पाकिस्तान के साथ बॉर्डर कॉन्फ्लिक्ट की वजह से एयरस्पेस रेस्ट्रिक्शंस लगे, जिससे फ्लाइट रूट्स लंबे हो गए. फिर 12 जून को अहमदाबाद से टेकऑफ के तुरंत बाद बोइंग 787 ड्रीमलाइनर क्रैश हो गया, जिसमें एक को छोड़कर सब मारे गए. सेफ्टी कंसर्न्स की वजह से इंडिया के एविएशन रेगुलेटर ने पूरा सिस्टम ऑडिट किया और जून से अगस्त तक वाइडबॉडी जेट्स पर इंटरनेशनल फ्लाइट्स 15 प्रतिशत कम कर दीं, जिससे रेवेन्यू पर असर पड़ा.
ब्लूमबर्ग रिपोर्ट में हुआ बड़ा खुलासा! एयर इंडिया ने टाटा संस और सिंगापुर एयरलाइंस से मांगी मदद, 1.1 अरब डॉलर जुटाने का प्लान
- Comments
- Facebook Comments
- Disqus Comments




