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नए उपराष्ट्रपति ने दिखा दिए तेवर, राज्यसभा के नेताओं को याद दिलाई लक्ष्मण रेखा, और दे दी सख्त हिदायत

राज्यसभा के नए सभापति और उपराष्ट्रपति सीपी राधाकृष्णन ने संसद के ऊपरी सदन में सुचारु कामकाज सुनिश्चित करने के लिए मंगलवार को विपक्षी नेताओं के साथ पहली बैठक की. इस दौरान उन्होंने स्पष्ट कहा कि ‘हम सबको बोलने का अधिकार है, यह हमारा कर्तव्य भी है, लेकिन ‘लक्ष्मण रेखा’ पार नहीं करनी चाहिए.’
राधाकृष्णन ने कहा कि लोकतंत्र में असहमति जरूरी है और विपक्ष की आवाज़ को दबाया नहीं जा सकता. उन्होंने कहा, ‘बिना मतभेद के लोकतंत्र नहीं हो सकता. लेकिन बहस के दौरान शालीनता बनाए रखना भी जरूरी है.’
सीपी राधाकृष्णन 9 सितंबर को भारत के 15वें उपराष्ट्रपति चुने गए थे. उन्होंने विपक्ष के उम्मीदवार बी. सुधर्शन रेड्डी को हराकर 767 में से 452 वोट हासिल किए थे. बिहार विधानसभा चुनावों के बाद शुरू होने वाले शीतकालीन सत्र से पहले राज्यसभा की कार्यवाही को सुचारु रूप से चलाने के लिए उन्होंने फ्लोर लीडर्स के साथ यह बैठक की.

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