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युक्तियुक्तकरण नीति से कबीरधाम जिले के 10 स्कूलों में हुई रसायन विषय विशेषज्ञ शिक्षकों की नियुक्ति

राज्य शासन द्वारा शिक्षा व्यवस्था को सुदृढ़, संतुलित और परिणाममुखी बनाने के उद्देश्य से लागू की गई युक्तियुक्तकरण नीति का सकारात्मक प्रभाव अब ज़मीन पर दिखाई देने लगा है। यह नीति विशेष रूप से उन विद्यालयों में कारगर सिद्ध हो रही है जहाँ शिक्षकों की कमी या विषय-विशेषज्ञों का अभाव लंबे समय से छात्रों की पढ़ाई में बाधा बन रहा था।
युक्तियुक्तकरण के अंतर्गत कबीरधाम जिले के 10 शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालयों में रसायन विज्ञान विषय के शिक्षकों की नियुक्ति कर दी गई है। इससे इन स्कूलों में पढ़ने वाले विद्यार्थियों को अब बेहतर मार्गदर्शन प्राप्त होगा, जिससे उनकी विषय के प्रति समझ और रुचि दोनों में वृद्धि होगी। इसके तहत शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय मरका, कापादाह, कोड़ापुरी, पोलमी, कुंडा, नेउर, राजानवागांव, जुनवानी जंगल, समनापुर और सिंघनगढ़ विद्यालयों में अब विशेषज्ञ शिक्षक छात्रों को प्रयोगात्मक और सैद्धांतिक दोनों स्तरों पर गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करेंगे।
शिक्षकों की नई पदस्थापनाओं से विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों के छात्रों को सीधा लाभ मिलेगा। पहले जहां एकल शिक्षक या विषयविहीन विद्यालयों में बच्चों को सीमित शिक्षण सुविधा मिलती थी, वहीं अब विशेषज्ञ शिक्षकों की उपलब्धता से उनका शैक्षणिक स्तर और आत्मविश्वास दोनों बढ़ेगा। राज्य शासन की मंशा है कि हर विद्यार्थी को उसकी रुचि और आवश्यकता के अनुरूप गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिले, चाहे वह शहरी क्षेत्र में हो या सुदूर ग्रामीण अंचल में। युक्तियुक्तकरण इसी दिशा में एक क्रांतिकारी पहल है, जो शिक्षा व्यवस्था को नई ऊँचाईयों की ओर ले जा रही है।
विद्यालयों में विषय विशेषज्ञ शिक्षकों की नियुक्ति से अब शिक्षा केवल पाठ्यक्रम तक सीमित न रहकर अनुभव आधारित और व्यवहारिक बनेगी। इससे छात्रों में जिज्ञासा और रचनात्मकता को भी बल मिलेगा। राज्य सरकार का यह प्रयास है कि कोई भी बच्चा शिक्षा के अधिकार से वंचित न रहे और हर स्कूल और हर विषय में शिक्षक की पूर्ण उपलब्धता हो। युक्तियुक्तकरण योजना न केवल शिक्षकों के समुचित वितरण का माध्यम बन रही है, बल्कि यह गुणवत्ता, समानता और समावेशी शिक्षा की दिशा में एक ठोस कदम है, जो प्रदेश के लाखों विद्यार्थियों के उज्ज्वल भविष्य की आधारशिला रख रही है।