Home छत्तीसगढ़ नक्सलियों ने पत्र जारी कर दी मुठभेड़ की सारी जानकारी, बताया-इस वजह...

नक्सलियों ने पत्र जारी कर दी मुठभेड़ की सारी जानकारी, बताया-इस वजह से मारे गए हमारे इनामी नेता बसवराजू

अबूझमाड़ के जंगलों में हुई मुठभेड़ में डेढ़ करोड़ के इनामी माओवादी बसवराजू ( Basavaraju) की मौत के बाद माओवादियों ने पत्र जारी पूरी कहानी बताई है. माओवादियों (Maoist) की ओर से जारी किए गए पत्र में दावा किया गया है कि हमें पहले से ही इस मुठभेड़ की आशंका थी. लिहाजा, सुरक्षा बल के जवानों के बढ़ते दबाव के कारण बसवराजू की सुरक्षा घटाना मजबूरी बन गई थी.

इसके साथ ही माओवादियों ने बताया है कि बसवराजू सेफ जोन में जाने के लिए तैयार नहीं हो रहे थे. इसी वजह से वे सुरक्षा बल के हत्थे चढ़ गए. इसके साथ ही माओवादियों ने दावा किया है कि इस मुठभेड़ में 27 नहीं, बल्कि 28 नक्सली मारे गए थे. माओवादियों ने मारे गए सभी नक्सलियों के नाम भी जारी कर दिए हैं. साथ ही माओवादियों ने अपनी रणनीति का खुलासा करते हुए बताया है कि अब युवा विंग को मजबूत करने का काम किया जा रहा है.

बोले- इसलिए मारे गए बसवराजू
हमारी पार्टी के महासचिव कामरेड बीआर दादा के माड़ क्षेत्र में मौजूदगी के बारे में पुलिस और खुफिया विभाग वालों को पहले से जानकारी थी. दरअसल, इस 6 महीनों में माड़ क्षेत्र से अलग-अलग यूनिटों के कुछ लोग कमजोर होकर पुलिस अधिकारियों के सामने आत्मसमर्पण कर गद्दार बन गए. इन लोगों से हमारे गोपनीय गतिविधियों की जानकारी उनको मिलती रही. इसी कड़ी में कामरेड बीआर दादा को निशाने पर लेकर जनवरी और मार्च महीनों में दो बड़े अभियानों का संचालन किया गया, लेकिन इसमें सफल नहीं हुए. इन अभियानों के बाद पिछले डेढ़ महीने में उन यूनिटों के 6 लोगों ने दुश्मन के सामने सरेंडर कर दिया. इसमें दादा की सुरक्षा की मुख्य जिम्मेदारी निभाने वाले सीवयपीसी मेंबर भी शामिल था. इसके अलावा, माड आंदोलन को गाइड करने वाले यूनिफाइड कमांड के एक सदस्य भी इस बीच गद्दार बन गए. इससे उन लोगों का काम और आसान हो गया. ये सभी गद्दार लोग रेकी सहित ऑपरेशन में भी शामिल हुए. इन लोगों के कारण हमें इतना बड़ा नुकसान उठाना पड़ा. माओवादियों आगे लिखा है कि जनता को अपने जल-जंगल-जमीन से बेदखल कर यहां के संपदाओं को कॉर्पोरेटों को सौंपने के मकसद से चलाए जा रहे इस अभियान में गद्दारों की वजह से सुरक्षा बलों को ये सफलता मिली.

माओवादियों ने पूरे ऑपरेशन की ये बताई कहानी
इस पत्र में ये भी बताया गया है कि सुरक्षाबलों ने कैसे नक्सलियों को चारों तरफ से घेर लिया. माओवादी लिखते हैं कि योजना के तहत 17 मई से नारायणपुर और कोंडागांव डीआरजी वालों का डिप्लायमेंट ओरछा की ओर से शुरू हुआ. 18 मई को दंतेवाड़ा, बीजापुर के डीआरजी, बस्तर फाइटर्स के जवानों ने अंदर आए. 19 तारीख की सुबह 9 बजे तक ये लोग हमारे यूनिट के नजदीक पहुंच गए. अभियान से एक दिन पहले यानी 17 तारीख को उस यूनिटों का एक पीपीसी मेंबर अपने पत्नी के साथ भाग गया. इन लोगों के भाग जाने के बाद वहां से डेरा बदल दिया गया. 19 तारीख की सुबह पुलिस फोर्स नजदीक गांव तक पहुंचने की खबर मिलने के बाद वहां से निकलकर जा रहे थे. तभी रास्ते में सुबह 10 बजे पुलिस जवानों से पहली मुठभेड़ हुई. इसके बाद देशभर में 5 बार मुठभेड़ हुई. इन मुठभेड़ों में किसी को कोई नुकसान नहीं हुआ. उनके घेराव क्षेत्र से बाहर निकलने के लिए 20 तारीख को दिनभर कोशिश की गई, लेकिन सफलता नहीं मिली. इस दौरान 20 तारीख की रात को हजारों पुलिस बल ने नजदीक से घेर लिया. इसके बाद 21 मई की सुबह फाइनल ऑपरेशन को अंजाम दिया गया. एक तरफ अत्याधुनिक हथियारों से लैस हजारों पुलिस वाले थे. ऑपरेशन के दौरान इन लोगों को खाने पीने की व्यवस्था हेलिकॉप्टरों से का जा रही थी. दूसरी तरफ हमारे मात्र 35 जन क्रांतिकारी थे. 60 घंटे से इन लोगों को खाने-पीने के लिए कुछ भी नहीं मिला था. ये सभी भूखे थे. ऐसे में दोनों पक्षों के बीच में युद्ध शुरू हुआ. इस दौरान हमारे कामरेडों ने बीआर दादा को अपने बीच में सुरक्षित जगह रख कर प्रतिरोध किया. पहले राउंड में डीआरजी के कोटलू राम को मार गिराया. इसके बाद कुछ समय तक आगे आने के लिए कोई हिम्मत नहीं कर पाया. बाद में फिर फायरिंग चालू हुई. इस दौरान प्रतिरोध का नेतृत्व करते हुए सब से पहले कमांडर चंदन शहीद हुआ. फिर भी सभी ने आखरी तक डट कर प्रतिरोध किया और कई जवानों को घायल कर दिया. एक टीम आगे बढ़कर उनके घेराव को तोड़ने में सफल हुई, लेकिन भारी शेलिंग के कारण बाकी लोग उस रास्ते से नहीं निकल सके. इस दौरान घेराव को ब्रेक करने वाली टीम मुख्य टीम से अलग हो गई. इस दौरान सभी ने अपने नेतृत्व को बचाने की जिम्मेदारी को बखूबी निभाते हुए दादा को आखिर तक एक खरोंच भी नहीं आने दी, लेकिन जब सभी शहीद हो गए तो कामरेड बीआर दादा को जिंदा पकड़कर उनकी हत्या कर दी गई.

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here