भारत और पाकिस्तान के बीच हालिया तनाव के बीच अब यह साफ हो गया है कि पाकिस्तान ने अमेरिका के दबाव में नहीं, बल्कि भारतीय सेना के ताबड़तोड़ हमलों से घबराकर संघर्षविराम की गुहार लगाई थी. सरकारी सूत्रों ने रविवार को बताया कि जब भारत ने पाकिस्तान के आठ अहम एयरबेस और सैन्य ठिकानों को तबाह कर दिया, तब जाकर पाकिस्तान को अहसास हुआ कि भारत अब पीछे हटने वाला नहीं है. इसके बाद ही पाकिस्तान ने भारत से सीजफायर की अपील की.
सरकारी सूत्रों ने बताया कि पाकिस्तानी हमले के जवाब में भारत की ओर से की गई सटीक मिसाइल स्ट्राइक्स और हाईटेक हथियारों का उपयोग, पाकिस्तान को सीधे तौर पर चेतावनी थी और वह संदेश पूरी तरह स्पष्ट हो गया.
ट्रंप का दावा झूठा
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भले ही दावा किया कि अमेरिका की मध्यस्थता से भारत और पाकिस्तान के बीच समझौता हुआ. हालांकि भारत सरकार ने इस दावे को पूरी तरह खारिज कर दिया है. सरकार से जुड़े सूत्रों के मुताबिक, कोई तीसरा पक्ष इसमें शामिल नहीं था और यह समझौता दोनों देशों के डायरेक्टर जनरल मिलिट्री ऑपरेशन्स (DGMOs) के बीच सीधी बातचीत से हुआ.
अमेरिकी राष्ट्रपति ने शनिवार को भारत और पाकिस्तान के बीच सभी सैन्य कार्रवाइयों को रोकने के लिए बनी सहमति का श्रेय लेते हुए कहा था कि दोनों पक्ष ‘अमेरिका की मध्यस्थता में एक लंबी रात की बातचीत’ के बाद ‘पूर्ण और तत्काल युद्धविराम’ पर सहमत हुए.