कर्नल सोफिया कुरैशी और विंग कमांडर व्योमिका सिंह गुरुवार को जब प्रेस कांफ्रेंस करने आईं तो कॉम्बैट यूनिफार्म में नजर आईं. दोनों का कॉम्बैट यूनिफॉर्म में प्रेस कॉन्फ्रेंस में आना महज एक ड्रेस कोड नहीं, युद्ध का संदेश है. आर्मी की भाषा में इस ड्रेस के मायने बहुत खास हैं. क्योंकि कॉम्बैट यूनिफॉर्म वह ड्रेस होता है जो सेना या एयरफोर्स के अफसर किसी ऑपरेशन, वॉर एक्सरसाइज या फिर जंग के दौरान पहनते हैं. इसमें वे हमेशा तैयार रहते हैं.
कॉम्बैट यूनिफार्म में कैमोफ्लाज होता है. यानी इसमें रैंक, यूनिट और बैज पूरी तरह डिस्प्ले होते हैं. यह ड्यूटी मोड या ऑपरेशनल अलर्ट की स्थिति को दर्शाता है. डिफेंस एक्सपर्ट के मुताबिक, अफसरों का इस यूनिफॉर्म में प्रेस के सामने आना तीन तरह का संदेश है. पहला, वे ऑपरेशनल मोड में हैं, यानी स्थिति युद्ध की जैसी गंभीर है. ये साफ मैसेज है कि इंडियर आर्मी और एयरफोर्स पूरी तरह एक्टिव और मोर्चे पर है. दूसरा, यह दुनिया को मैसेज है कि भारत अब सिर्फ बयान नहीं दे रहा, एक्शन की स्थिति में है. इसके जरिए आर्मी पाकिस्तान और उसके आतंकी दोस्तों को मैसेज दे रही कि अगर उकसाया तो भारत पीछे नहीं हटेगा.
पहले कब ऐसा हुआ?
ऐसा आमतौर पर बहुत कम देखने को मिलता है. 2016 में उरी अटैक के बाद सर्जिकल स्ट्राइक के बारे में बताए आए आर्मी अफसर यूनिफॉर्म में मौजूद थे. ठीक इसी तरह 2019 में बालाकोट स्ट्राइक के बाद वायुसेना के अधिकारियों ने ऑपरेशनल ब्रीफिंग दी थी, जिनमें कुछ कॉम्बैट ड्रेस में थे. लेकिन सीनियर महिला अधिकारियों का इस तरह कॉम्बैट यूनिफॉर्म में प्रेस के सामने आना एक दुर्लभ और ऐतिहासिक मामला है.