देश में लोगों की खर्च करने की आदतें तेजी से बदल रही हैं. पहले जहां परिवार अपनी आय का बड़ा हिस्सा खाने-पीने और कपड़ों-जूतों पर खर्च करते थे, वहीं अब मोबाइल, किचन एप्लायंसेज और वाहनों पर ज्यादा पैसे खर्च कर रहे हैं. प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद (EAC-PM) की नई रिपोर्ट बताती है कि लोग अब गैर-जरूरी फैशन आइटम्स की जगह ऐसी चीजो को खरीदने को प्राथमिकता दे रहे हैं जो उनके जीवन को आसान बनाए. घरेलू उपकरण, मिक्सचर-टोस्टर और वाहन जैसी चीजों पर बढ़ता खर्च यह दिखाता है कि परिवार केवल रोजमर्रा की जरूरतें पूरी करने पर नहीं, बल्कि अपनी सुविधा, उत्पादकता और जीवनस्तर को बेहतर बनाने पर अधिक ध्यान दे रहे हैं.
रिपोर्ट यह भी बताती है कि भोजन और कपड़ों पर होने वाला खर्च अब पहले की तुलना में काफी कम हो चुका है. दोनों क्षेत्रों, ग्रामीण और शहरी में कुल उपभोग खर्च में खाने का हिस्सा 50% से नीचे आ गया है. परिवार अब अपने खर्च को “लाइफस्टाइल अपग्रेड” या “सुविधा निवेश” के रूप में देख रहे हैं. पहले घर में पैसे बचाकर कपड़े, जूते, खिलौने या साज-सज्जा की चीजें खरीदना आम था. लेकिन अब परिवार सोच रहे हैं कि रोजमर्रा की सुविधा और उत्पादकता बढ़ाने वाली चीज़ों पर खर्च करना ज्यादा फायदेमंद है.
बदल गए भारत के लोग! अब नहीं खरीद रहे महंगे कपड़े-जूते, इन चीजों पर जमकर लुटा रहे पैसा
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