पिछले कुछ दिनों में मिडिल ईस्ट में तनाव ने फिर से जोर पकड़ लिया है. इजरायल ने सीरिया के पश्चिमी हिस्सों, खासकर लताकिया और तारतूस के पास हवाई हमले किए, जिसमें एक नागरिक की मौत हो गई और कई सैन्य ठिकानों को नुकसान पहुंचा. सीरियाई सरकारी मीडिया के मुताबिक, इजरायल के युद्धक विमानों ने जाबलेह के पास जामा गांव के आसपास के इलाकों को निशाना बनाया. इजरायल की सेना ने दावा किया कि उन्होंने हथियार भंडारण सुविधाओं और तटीय मिसाइलों को नष्ट किया, जो उनके लिए और अंतरराष्ट्रीय समुद्री नेविगेशन के लिए खतरा थे. साथ ही, सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइलों को भी निशाना बनाया गया.
सीरियाई मानवाधिकार संगठन ने बताया कि ये हमले सैन्य ठिकानों पर केंद्रित थे, और यह लगभग एक महीने में सीरिया पर इजरायल का पहला बड़ा हमला था. यह हमला तब हुआ, जब हाल ही में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने मिडिल ईस्ट की यात्रा की थी. इस दौरान उन्होंने सीरिया के अंतरिम राष्ट्रपति अहमद अल शरा से मुलाकात की और सीरिया को राहत देने की बात कही थी. इसके बाद माना जा रहा था कि इजरायल और सीरिया के संबंध भी सामान्य होंगे, लेकिन इजरायल ने यह हमला करके तनाव बढ़ा दिया है.
सीरिया और इजरायल में युद्ध जैसे हाल
सीरिया और इजरायल 1948 से तकनीकी रूप से युद्ध की स्थिति में हैं. 1967 में इजरायल ने सीरिया से गोलान हाइट्स पर कब्जा कर लिया था और तब से वहां सैकड़ों हमले कर चुका है. इजरायल का कहना है कि ये हमले सीरिया की नई सरकार, जिसे वह जिहादी मानता है, को हथियारों की आपूर्ति रोकने के लिए हैं. इधर, मिडिल ईस्ट की सियासत में एक और बड़ा ट्विस्ट आया. इजरायल ने सऊदी अरब के नेतृत्व में एक उच्च-स्तरीय मंत्रिस्तरीय प्रतिनिधिमंडल को वेस्ट बैंक के रमल्लाह में जाने से रोक दिया.
इस प्रतिनिधिमंडल में सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात, मिस्र, जॉर्डन, कतर और तुर्की के विदेश मंत्री शामिल थे. यह दौरा 1967 के बाद से वेस्ट बैंक में सऊदी नेतृत्व का सबसे बड़ा दौरा होता, क्योंकि इजरायल वेस्ट बैंक पर कब्जा रखता है और वहां आने-जाने की अनुमति उसी के पास है. इजरायल ने इस दौरे को ‘उकसाने वाला’ करार दिया और कहा कि यह उसकी सुरक्षा के लिए खतरा है. उसने यह भी आरोप लगाया कि फिलिस्तीनी अथॉरिटी (पीए) इजरायल के साथ किए गए समझौतों का उल्लंघन कर रही है, हालांकि यह स्पष्ट नहीं है कि कौन से समझौते. सऊदी अरब इस समय फिलिस्तीनी देश की मान्यता के लिए अंतरराष्ट्रीय समर्थन जुटाने में जुटा है. सऊदी क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान ने गाजा में इजरायल पर नरसंहार का आरोप लगाया है, जिसे इजरायल ने सिरे से खारिज कर दिया.