अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप एक बार फिर भारत पाकिस्तान सीजफायर पर बोले हैं. उन्होंने दोनों देशों की परमाणु ताकत का जिक्र करते हुए कहा कि स्थिति बेहद गंभीर थी, लेकिन दोनों देशों की नेतृत्व क्षमता और समझदारी के कारण हालात संभाले जा सके. ट्रंप ने कहा, हमने एक न्यूक्लियर संघर्ष को रोका. बुरा न्यूक्लियर युद्ध हो सकता था, जिसमें लाखों लोग मारे जा सकते थे. इस दौरान ट्रंप ने कई अजीबोगरीब दावे भी किए. लेकिन एक खास बात, इस बार वे मध्यस्थता की बात से पलट गए. इस बार उन्होंने जो बयान दिया, उसमें ‘मदद’ की बात कही गई है न की ‘मध्यस्थता’ की. भारत के लिहाज से काफी अहम है.
ट्रंप ने कहा, मेरे प्रशासन की मदद से भारत और पाकिस्तान के बीच तत्काल संघर्षविराम कराया हुआ. भारत और पाकिस्तान के बीच खतरनाक संघर्ष का अंत हुआ. दोनों देशों के पास काफी न्यूक्लियर हथियार है. लेकिन इसमें सबसे खास बात, ट्रंप ने इस बार मध्यस्थता की बात नहीं की है. उन्होंने मदद की बात की है. भारत ने मध्यस्थता की बात करने पर कड़ा रुख अपनाया था. साफ संदेश दिया था कि भारत पाकिस्तान के बीच कोई तीसरे देश की मध्यस्थता नहीं हो सकती.