अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दुनिया में इस वक्त टैरिफ वार छेड़ रखा है. उन्होंने भारत सहित दुनिया के सभी बड़े देशों के साथ रिसिप्रोकट टैरिफ लगाया है. इस कारण दुनिया के तमाम देशों के लिए अमेरिकी निर्यात में गिरावट की आशंका जताई जा रही है. इस टैरिफ वार में अमेरिका और चीन एकदम आमने-सामने आ चुके है. ट्रंप ने चीन पर 104 फीसदी का टैरिफ लगाया है. इसी तरह ट्रंप ने भारत पर 26 फीसदी का टैरिफ लगाया है. इस कारण पूरी दुनिया में हाहाकार जैसी स्थिति है. हर देश इस समस्या से निपटने के लिए अपने स्तर पर रणनीति बनाने में लगा है. भारत भी अपनी रणनीति बना रहा है.
न्यूज18 एक राइजिंग भारत कार्यक्रम में इसी से जुड़े से एक सवाल पर एस. जयशंकर ने भारत की रणनीति बताई. उन्होंने कहा कि बीते छह साल में दुनिया एक साथ कई चुनौतियों से जूझ रही है. इसमें यूक्रेन-रूस जंग, कोविड, अफगानिस्तान, मिडिल ईस्ट जैसी समस्याएं हैं. ये दौर काफी चुनौतीपूर्ण रहा है.
भारत की रणनीति
टैरिफ से निपटने के लिए भारत की रणनीति क्या है? इस सवाल पर उन्होंने कहा कि यह कहना संभव नहीं है कि इसका क्या प्रभाव पड़ेगा. क्योंकि अभी हमें इसके बारे में ठीक-ठीक कुछ पता नहीं है. हम ट्रंप की सरकार के साथ कई मसलों पर बात कर रहे हैं. हम द्विपक्षीय समझौतों पर जोर दे रहे हैं. इस टैरिफ वार में हर देश अपनी रणनीति बना रहा है. हमारी रणनीति द्विपक्षीय व्यापार समझौते के जरिए इसका समाधान निकालने की है. हम ट्रंप सरकार के साथ इसको लेकर काफी गंभीर प्रयास कर रहे हैं.
आप इसकी गंभीरता का पता इसी से लगा सकते हैं कि पीएम मोदी के फरवरी माह में अमेरिका दौरे के बाद अभी करीब छह सप्ताह का समय बीता है. इस दौरान अमेरिकी अधिकारियों के साथ कई दौर की बातचीत हो चुकी है. उन्होंने कहा कि इस वार्ता की गति का अनुमान आप इसी से लगा सकते हैं कि बीते दो साल यूरोप के देशों के साथ द्विपक्षीय वार्ता को लेकर जितनी बैठकें हुई हैं उससे कहीं ज्यादा बैठकें बीते छह सप्ताह में अमेरिकी अधिकारियों के साथ हुई है.