Home देश 2 दिन में राजनाथ सिंह के 2 मास्टरस्ट्रोक

2 दिन में राजनाथ सिंह के 2 मास्टरस्ट्रोक

सोमवार को रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने अमेरिकी इंटेलिजेंस चीफ तुलसी गबार्ड को पाक समर्थित खलिस्तानी समर्थक संगठन पर प्रतिबंध लगाने की बात कही. दूसरे दिन रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने नीदरलैंड्स के रक्षा मंत्री रुबेन बर्केलमन्स से पाकिस्तानी को रक्षा उपकरण या तकनीकी सहायता न देने की अपील कर दी. सूत्रों के मुताबिक रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह का संदेश बिल्कुल साफ था कि पाकिस्तान आतंकवाद का समर्थन करता है. जो कि इस क्षेत्र में अस्थिरता को बढ़ावा दे सकता है. भारत पाकिस्तान समर्थित आतंकवाद का भुग्तभोगी है. इसलिए पाकिस्तान को कोई भी रक्षा तकनीकी या उपकरण देना उचित नहीं होगा.

पाकिस्तान नीदरलैड के बीच सैन्य सहयोग
नीदरलैंड ने पाकिस्तान को दो पूर्व त्रिपार्टी-क्लास माइनहंटर शिप दिए थे. सूत्रों के मुताबिक नीदरलैंड की कंपनियां पाकिस्तान के साथ सहयोग पर चर्चा कर रही हैं. खास तौर पर नौसेना के क्षेत्र में. पिछले साल ही पाकिस्तान के नौसेना प्रमुख एडमिरल नावेद अशरफ ने नीदरलैंड का दौरा किया था. साथ ही DAMEN शिपयार्ड में तैयार हो रहे फ्रीगेट का भी दौरा किया और उसकी जानकारी जुटाई थी. सूत्रों के मुताबिक पाकिस्तान को ऑफशोर पेट्रोल वेसेल की सप्लाई भी कर रहा है. इसके अलावा 2020 में ही नीदर्लैंड सरकार ने इस्तांबुल नेवल शिपयार्ड को कार्वेट्स के लिए सैन्य तकनीकी देने की मंजूरी दी थी. तुर्की पाकिस्तान के लिए कोर्वेट का निर्माण कर रहा है. इससे पाकिस्तान को और ज्यादा उन्नत रक्षा तकनीकी सहायता मिल सकती है.

भारत का आतंकवाद पर चोट जारी
सोमवार को प्रधामंत्री मोदी ने न्यूजीलैंड के पीएम क्रिस्टोफर लक्सन के साथ बैठक में भी आतंकवाद का मुद्दा उठाया. उन्होंने कहा कि हम दोनों आतंकवाद के खिलाफ एकमत हैं. किसी भी तरह का आतंकवाद स्वीकार नहीं है. साथ ही आतंकवादी हमलों के दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जरूरीकी बात कही. रविवार को अजीत डोवल ने तुलसी गबार्ड के साथ-साथ इंग्लैंड की खुफिया एजेंसी MI-6 के चीफ रिचर्ड मूर और कनाडा के इंटेलिजेंस चीफ डेनियल रोजर्स से भी मुलाकात की थी. साथ ही रूस, ऑस्ट्रेलिया, जर्मनी और न्यूजीलैंड सहित करीब 20 देशों के टॉप इंटेलिजेंस अफसरों ने एनएसए और भारतीय खुफिया एजेंसियों के प्रमुखों के साथ बैठक की .सूत्रों के मुताबिक बैठक में इंडो-पैसिफिक, ग्लोबल टेरेरिज्म,नारको-टेररिज्म, टेरर फंडिंग, ग्लोबल सिक्योरिटी जैसे मुद्दों पर चर्चा की गई थी.

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